बेगूसराय खाकी वर्दी (पुलिस वर्दी) पहनकर डीएसपी का भौकाल दिखाने वाले एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। उसने बिहार पुलिस में दरोगा बनाने के नाम पर एक युवक से 20 लाख रुपए की ठगी कर ली थी। युवक के दबाव बनाने पर बार-बार बहाना बना रहा था, गाली गलौज कर रहा था। यह खेल करीब 3 साल से चल रहा था, लेकिन FIR दर्ज होने के बाद आज पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है। तेघड़ा डीएसपी कृष्ण कुमार ने बताया कि 22 नवंबर को तेघड़ा थाना में एक मामला दर्ज हुआ था। जिसने तेघड़ा थाना क्षेत्र के रहने वाले वनहारा गांव के रहने वाले अभिषेक कुमार ने मामला दर्ज कराया था कि दरोगा भर्ती करने के नाम पर रिफाइनरी थाना क्षेत्र के मोसादपुर गांव के रहने वाले नारायण महतो के बेटे कर्ण कुमार की ओर से अलग-अलग चेक के माध्यम से पैसा लिया गया था। पहले खुद को दरोगा बताया, फिर डीएसपी बताने लगा आरोपी कर्ण खुद को पहले दरोगा के रूप में बताता था, फिर अपने को डीएसपी बताने लगा। पैसा लेने के बाद जब नौकरी नहीं हुई और इसी बीच कर्ण कुमार के खिलाफ फोर व्हीलर वाहन में पुलिस का स्टीकर लगाने और वर्दी लगाकर घूमने का FIR दर्ज हुआ तो हुआ था। तब अभिषेक को पता चला कि कर्ण फर्जी डीएसपी है, तभी से वह पैसा मांग रहा था। इसके बाद से तेघड़ा थाना में एफआईआर दर्ज कराया गया था। पीड़ित बोला- बेरोजगार था, झांसे में आकर पैसे दे दिए पीड़ित युवक अभिषेक कुमार ने बताया कि मैं बेरोजगार था और नौकरी के लिए लगातार प्रयास कर रहा था। लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। इसी बीच 2022 में तेघड़ा के गौड़ा में एक लाइन होटल पर बिहार पुलिस का लोगो लगा अपाचे बाइक से दरोगा की वर्दी पहने कर्ण कुमार आया। बातचीत के दौरान उसने खुद को बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर बताया तथा नौकरी लगाने का प्रलोभन दिया। आरोपी ने कहा था- 20 लाख दोगे, तो बिहार पुलिस में नौकरी पक्की हो जाएगी पीड़ित से आरोपी ने कहा था कि तुम अनुसूचित जाति से हो और 20 लाख खर्च करो तो बिहार पुलिस में दरोगा के पद पर तुम्हारी नौकरी हो जाएगी। हमने घर जाकर इसकी चर्चा माता-पिता से किया। कर्ण वर्दी पहन कर ही मेरे घर पर भी आया। उसने खुद को औरंगाबाद के मुफस्सिल थाना में पदस्थापित बताया था। उसके बात व्यवहार से विश्वास हो गया। बार-बार आश्वासन देने पर हम लोग झांसे में आ गए। घर में रखे रुपए के अलावा कर्ज लेकर दिसंबर 2022 से जुलाई 2023 तक सात अलग-अलग चेक के माध्यम से उसे 19 लाख 50 हजार रुपया दिया। इसके बाद कर्ण दरोगा का फॉर्म भरने से रोक दिया और कहा था कि डायरेक्ट बहाली हो जाएगी। डायरेक्ट बहाली के झांसा पर मुझे शक हुआ, लेकिन वह लगातार आश्वासन दे रहा था। काम नहीं बना तो पीड़ित ने पैसे मांग, लगातार टालमटोल कर रहा था आरोपी काफी दिन होने के बाद जब कोई प्रक्रिया नहीं हुई तो हमने पैसा वापस करने का दबाव बनाया। इसी दौरान भी 2024 में पता चला कि साइबर थाना में उसके खिलाफ डीएसपी के वर्दी और पद का फर्जीवाड़ा करने का मामला दर्ज हुआ है। उस दिन से हम पैसा वापस करने के लिए दबाव बनाने लगे और वह लगातार आश्वासन दे रहा था। इधर 20 नवंबर को कर्ण गौड़ा के धर्मदेव चौक के पास मिला और हमने पैसा मांगा था। इस पर गाली-गलौज करते हुए जान करने की धमकी देने लगा। फिलहाल तेघड़ा डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस की टीम करण को उसके घर से गिरफ्तार कर पूछताछ एवं आगे की कार्रवाई कर रही है। पता लगाया जा रहा है कि उसने कितने लोगों के साथ ठगी किया है।
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