कांग्रेस नेता ने पटना हाई कोर्ट पहुंचकर चुनावी नतीजे को लेकर मामला दर्ज कराया है। बिहार सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई है। कांग्रेस का आरोप है कि निर्वाचन आयोग ने सरकार को गैर कानूनी रूप से मदद पहुंचाई है। चुनाव के दौरान 10 हजार रुपए देकर वोट खरीदा गया है। बिहार विधानसभा चुनाव में लोकतंत्र की हत्या की गई है। हम आदरणीय राहुल गांधी के नेतृत्व में लोकतंत्र की रक्षा और जनता के अधिकारों के लिए यह लड़ाई मजबूती से लड़ते रहेंगे। पूर्व विधायक और कई उम्मीदवारों ने एक साथ मामला दर्ज कराया हाई कोर्ट में पूर्व विधायक और कई उम्मीदवारों ने एक साथ मामला दर्ज कराया है। अमित टुन्ना, ऋषि मिश्रा, प्रवीण कुशवाहा, तौकीर आलम, शशांत शेखर ने मामला दर्ज किया है। यह याचिका चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन, चुनावी धांधली तथा महिलाओं के खातों में 10,000 रुपये भेजकर चुनाव को प्रभावित करने जैसे गंभीर मुद्दों पर आधारित है। तेलंगाना चुनाव में कांग्रेस मोबाइल देना चाहती थी पर आयोग ने रोक दिया, बिहार में कैसे 10 हजार रुपए चुनाव के दौरान बांटे गए। उनका कहना है कि अब कोर्ट मामले को संज्ञान लेकर न्याय करे। जाले से पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी लोकतंत्र पर विश्वास करते हैं। जो 2025 का बिहार चुनाव हुआ है, वह लोकतंत्र का हत्या नहीं बल्कि रेप है। मेरे विधानसभा में महिलाएं कह रही हैं कि पहले मेरा वोट वापस करो तभी हम तुम्हारा ₹10000 तुम्हें देंगे। इसका मतलब शुद्ध रूप से वोट पैसे के दम पर खरीदा गया है। उसी के विरुद्ध आज हम लोग कोर्ट आए हैं। शशांत शेखर बोले- चुनाव आयोग की शह पर पैसे के दम पर वोट खरीदा पटना साहिब से उम्मीदवार शशांत शेखर ने कहा कि सच्चाई यह है कि बिहार में NDA ने चुनाव आयोग की शह पर पैसे के दम पर वोट खरीदने का काम किया है। कुछ दिन पहले मैंने एक पोस्ट के माध्यम से महिलाओं के उस आक्रोश को भी सामने रखा था, जिसमें वे साफ कह रही थीं “पहले हमारा वोट वापस करो, फिर 10 हजार ले जाना।” इससे स्पष्ट है कि NDA को मिला तथाकथित भारी जनादेश अवैध है, लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है और पूरी तरह चुनावी धांधली का परिणाम है।
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