संगम क्षेत्र में रोप-वे निर्माण की कवायद शुरू हो गई है। अरैल में त्रिवेणी पुष्प के पास पहले स्टेशन के लिए पिलर बनाए जा रहे हैं। जबकि माघ मेला खत्म होने के बाद संगम के कछारी इलाके में भी काम तेज होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की इकाई नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। राजस्थान की एजेंसी रवि इन्फ्रा बिल्ड स्टेशन का निर्माण कर रही है। कुल 210 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना में NHLML 60% और रवि इन्फ्रा 40% खर्च वहन करेगी। रवि इन्फ्रा ही रोप-वे का संचालन भी संभालेगी। अरैल से परेड (लाल-काली सड़क) के बीच 2.2 किमी लंबा रोप-वे बनेगा। जिसमें एक ट्रॉली में अधिकतम 8 लोग बैठ सकेंगे और एक साथ 14 ट्रॉलियां चलेंगी। सेना की जमीन पर विवाद सुलझा शुरू में परेड में स्टेशन बनाने की योजना थी। लेकिन 26 अक्टूबर को एजेंसी के शिविर लगाते ही सेना ने काम रोक दिया था। वहां सैन्य भूमि पर अनुमति नहीं थी। हाल में सैन्य अधिकारियों और जिला प्रशासन की वार्ता के बाद सहमति बनी। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) सेना को बराबर मूल्य की वैकल्पिक जमीन देगा। उसके बाद एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे। PDA के कार्यवाहक मुख्य अभियंता कौशलेंद्र चौधरी ने बताया कि एजेंसी ने दो साल में काम पूरा करने का आश्वासन दिया है और निगरानी तेज कर दी गई है। सेना से जल्द जमीन मिलने की उम्मीद है। रोप-वे निर्माण एक नजर में
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