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जिस डॉग के चलते बहनों ने जान दी, उसकी मौत:लखनऊ में मरते वक्त मां से कहा था- डॉगी को भगाना मत

लखनऊ में जिस कुत्ते के लिए दो सगी बहनों ने सुसाइड किया था, उसकी भी मौत हो गई है। जर्मन शेफर्ड नस्ल का डॉग टोनी एक महीने से पेट की बीमारी से जूझ रहा था। दोनों बहनों का उससे गहरा लगाव था। दवा लेने के बाद भी उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो दोनों बहनें डिप्रेशन में चली गईं। तीन दिन पहले राधा और जिया ने फिनायल पीकर जान दे दी थी। मरने से पहले उन्होंने मां से कहा था- हमारे मरने के बाद डॉगी को घर से भगाना मत। आज सुबह कुत्ते की भी मौत हो गई। परिवार वाले टोनी का अंतिम संस्कार करेंगे। परिवार के लोगों ने बताया कि राधा और जिया ने मरने से पहले कुत्ते की देखभाल करने को कहा था। हम लोग उसका उपचार करा रहे थे, लेकिन उसे बचा नहीं पाए। घटना पारा थाना क्षेत्र के जलालपुर गांव की है। सिलसिलेवार तरीके से पूरा मामला समझिए- 9 साल पहले कुत्ते को लेकर आई थीं दोनों बहनें: पारा थाना क्षेत्र के जलालपुर निवासी कैलाश सिंह (65) की दो बेटियां राधा सिंह (27) और जिया सिंह (24) ग्रेजुएशन पासआउट थीं। परिवार के मुताबिक 9 साल पहले दोनों बहनें जर्मन शेफर्ड नस्ल के डॉग को लेकर आई थीं। तब वह मात्र एक माह का था। उसका नाम टोनी रखा। कुत्ते की बिगड़ती तबीयत से डिप्रेशन में गईं: दोनों बहनें छोटी यात्राओं या आस-पास उसे लेकर जाती थीं। धीरे-धीरे दोनों बहनों का उससे बहुत ज्यादा लगाव हो गया। एक महीने पहले टोनी के पेट की गंभीर बीमारी हो गई। बहनें उसका उपचार करा रही थीं, बावजूद इसके उसकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था। उसकी बिगड़ती हालत के कारण दोनों बहनें तनाव में थीं। मरते-मरते कहा- कुत्ते को भगाना मत: राधा और जिया को आशंका थी कि उनका डॉग अब नहीं बचेगा। 24 दिसंबर को मां गुलाबा देवी ने दोनों बहनों को सामान खरीदने दुकान पर भेजा। कुछ देर बाद दोनों बहनें घर पहुंचीं। मां गुलाबा देवी को बताया कि दोनों ने दुकान से खरीदकर फिनायल पी लिया है। कहा- टोनी को भगाना मत, उसका इलाज कराना। यह कहकर दोनों बेहोश हो गईं। एक की रास्ते में, तो दूसरी की अस्पताल में मौत: मां गुलाबा देवी ने बड़े बेटे वीर सिंह को फोन कर इसकी सूचना दी। वीर के घर पहुंचने से पहले आस-पड़ोस के लोगों की मदद से दोनों बहनों को रानी लक्ष्मी बाई अस्पताल पहुंचाया गया। रास्ते में ही राधा की मौत हो चुकी थी। जिया ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। परिजनों और पड़ोसियों ने क्या कहा… राधा-जिया सोशल मीडिया से भी दूर रहती थीं: मोहल्ले के लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया- राधा-जिया 6 साल से अपने में ही रहती थीं। शादी-पार्टी में नहीं जाती थीं। फोटो-वीडियो का भी शौक नहीं था। दोनों अपना खाना भी अलग बनाती थीं। उसमें से सिर्फ अपने डॉग को ही खिलाती थीं। परिवार के अन्य लोगों को खाना नहीं देती थीं। हालांकि, दोनों बहनों के बीच काफी लगाव था। भूत-प्रेत के शक के चलते बालाजी ले गए थे घरवाले: परिवार वालों को लगता था कि दोनों बहनों पर भूत-प्रेत का साया है। इस वजह से कई बार उन्हें झाड़-फूंक के लिए बालाजी ले गए थे, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। दोनों बहनें मोहल्ले के लड़कों से सबसे ज्यादा झगड़ती थीं। जिन-जिन परिवार से उनका झगड़ा हुआ, उनसे कभी भी बात नहीं करती थीं। कुत्ता बीमार हो तो खाना छोड़ देती थीं: पड़ोसी लखनलाल ने बताया- दोनों अपने डॉगी टोनी को बहुत प्यार करती थीं। अगर वह खाना न खाए तो वे दोनों भी खाना छोड़ देती थीं। पिछले दिनों से जब से कुत्ता बीमार था, तब से वे दोनों बहनें ज्यादा ही डिप्रेशन में रह रही थीं। इंस्पेक्टर पारा सुरेश सिंह का कहना है- पोस्टमॉर्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया था। मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। विसरा सुरक्षित किया गया है। रिपोर्ट और परिवार के बयान के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। ————— संबंधित खबर भी पढ़िए… लखनऊ में दो बहनों ने डॉग के लिए सुसाइड किया:एक महीने से बीमार था; मरते-मरते मां से बोलीं- उसे भगाना नहीं, दवा कराना लखनऊ से एक हैरान वाली खबर सामने आई है। यहां 24 और 22 साल की दो सगी बहनों ने अपने पालतू डॉग के लिए जान दे दी। डॉग 1 महीने से बीमार है। उसकी लगातार दवा चल रही थी, लेकिन कुछ सुधार नहीं हो रहा था। पूरी खबर पढ़ें


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