राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री और उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा के खिलाफ मुख्यमंत्री के पास शिकायत दर्ज हुई है। राजस्व एवं भूमि सुधार सेवा के अधिकारियों ने शिकायत की है। उन्होंने राजस्व विभाग के अफसर से बदतमीजी करने, गाली गलौज समेत सार्वजनिक मंच से इंसल्ट करने का आरोप लगाया है। लोकप्रियता के लिए विजय सिन्हा कर रहे ऐसी भाषा का प्रयोग संघ का आरोप है कि मंत्री विजय सिन्हा सार्वजनिक मंचों, मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए राजस्व अधिकारियों के खिलाफ लगातार अपमानजनक भाषा, बदतमीजी, गाली-गलौज जैसे शब्दों और ‘ऑन द स्पॉट’ फैसलों की बात कर रहे हैं, जो न सिर्फ प्रशासनिक मर्यादा के खिलाफ है, बल्कि संविधान, कानून और न्यायिक व्यवस्था की भावना पर भी चोट करता है। यह सिर्फ लोकप्रियता के लिए की जा रही है। मंत्री बोल रहे ‘खड़े-खड़े सस्पेंड कर देंगे’, ‘यहीं जनता के सामने जवाब दो’, ‘स्पष्टीकरण लो और तुरंत कार्रवाई करो’ ‘ऑन द स्पॉट फैसला होगा’। इस तरह की चीजें किसी संवैधानिक लोकतंत्र के अनुरूप नहीं है। लेटर में कहा गया है कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस पूरे तमाशे में विभाग के कुछ वरीय अधिकारी भी साथ दे रहे हैं, जिससे यह मैसेज जाता है कि संस्थागत संरक्षण की जगह व्यक्तिगत लोकप्रियता को प्राथमिकता दी जा रही है। जानिए विजय सिन्हा ने क्या क्या कहा है 12 दिसंबर को डिप्टी CM विजय सिन्हा ने अपने आवास पर जमीन से जुड़ी समस्याएं सुनी थीं। इस दौरान एक कर्मचारी मंच पर ही थरथराने लगा था। भूमि सुधार से जुड़े एक मामले में विजय सिन्हा ने मंच पर भी कर्मचारी की क्लास लगा दी थी। विजय सिन्हा ने कर्मचारी को कहा था कांपो नहीं, डरो नहीं। दरअसल, भूमि परिमार्जन से जुड़ा मामला पटना के फुलवारीशरीफ के सिमरा थाना जानीपुर का था। इससे पिछले लंबे अरसे से आवेदक का काम नहीं हुआ था। इसी पर विजय सिन्हा ने कर्मचारी से सवाल किया तो वह मंच पर थरथराने लगा। विजय सिन्हा ने राजस्व विभाग से जुड़े कर्मचारियों से कहा 15 दिन का समय दे रहा हूं। इसके बाद थरथराने का टाइम भी नहीं मिलेगा। पुनपुन के CO को भी डिप्टी CM ने हड़काया सुनवाई के दौरान पुनपुन का भी मामला सामने आया था। इसमें एक शख्स ने 2 साल से दाखिल खारिज नहीं होने का मामला उठाया था। विजय सिन्हा ने अंचल अधिकारी और कर्मचारी दोनों को बुलाया। दाखिल खारिज में देर होने का कारण पूछा फिर उचित जवाब नहीं देने पर विजय सिन्हा ने हड़का दिया था। उन्होंने कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया। वहीं 18 दिसंबर को उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा एक CO के खराब प्रदर्शन पर नाराज थे। उन्होंने लापरवाही बरतने वालों को चेतावनी दी थी। कहा था, सभी CO को अपने काम में सुधार के लिए सिर्फ एक मौका दिया जाएगा। इसके बाद भी कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ तो ऐसे अधिकारियों को बाढ़ के दौरान फील्ड में नहीं रहने दिया जाएगा। जनहित से जुड़े इस विभाग में लापरवाही किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कार्यक्रम के दौरान ही विजय सिन्हा को संबंधित CO ने बाढ़ की स्थिति को काम न हो पाने का कारण बताया। इस पर मौजूद ADM ने कहा, सर, यह CO लापरवाह है। इसे पहले भी चेतावनी दी जा चुकी है। इसके बाद उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जिम्मेदारी के साथ काम करने की कड़ी हिदायत दी थी। छुट्टी कैसी ले बोलकर चेतावनी दी थी वहीं, इस कार्यक्रम में पालीगंज के CO भी नहीं पहुंचे थे। इस पर भी विजय सिन्हा भड़क गए। डिप्टी सीएम के सवाल का जवाब महिला RO ने दिया तो उन्होंने पूछा आपके यहां के CO कहां हैं। डीएम से बात करें। आज बैठक है तो छुट्टी कैसे मिल गई। फिर विजय सिन्हा ने कहा कि भागने से काम नहीं चलेगा, कब तक भागिएगा? ऐसे लोगों का पीछा हम अंतिम समय तक करेंगे। सार्वजनिक मंच पर विजय सिन्हा ने दिए थे ये डायलॉग्स “अब ऑन द स्पॉट फैसला होगा” ”खड़े-खड़े सस्पेंड कर देंगे” “जनता के सामने ही न्याय मिलेगा” “अंचल अधिकारी जवाब दें” “राजस्व कर्मचारी फील्ड में फेल हैं” “अब बहानेबाज़ी नहीं चलेगी” “गलत काम करने वालों को वहीं सजा मिलेगी” “लोग सालों से परेशान हैं, अफसर कुछ नहीं कर रहे” “राजस्व विभाग की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं” “अब जनता खुद देखेगी कौन सही है और कौन गलत” संघ की ओर से मुख्यमंत्री से पांच प्रमुख मांगें रखी गई हैं राजस्व अधिकारियों के खिलाफ सार्वजनिक मंचों पर अपमानजनक बयानबाजी पर तुरंत रोक। निगरानी और कार्रवाई केवल तय प्रशासनिक प्रक्रिया से हो। संवाद की व्यवस्था सचिव या मंत्री स्तर पर सम्मानजनक ढंग से हो। यदि ‘जन संवाद मॉडल’ लागू हो तो वह सभी विभागों और जनप्रतिनिधियों पर समान रूप से लागू हो। राजस्व विभाग की ऐतिहासिक और संरचनात्मक समस्याओं पर गंभीर नीति स्तर की चर्चा हो।
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