जिले के मिल्कीपुर विकासखंड में जल जीवन मिशन के तहत करोड़ों रुपये की लागत से चल रही परियोजनाएं अधूरी हैं। इसके कारण ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। बरई पारा और तेंधा ग्राम पंचायतों में लगभग 5000 लोग स्वच्छ पेयजल के लिए इंतजार कर रहे हैं। बरई पारा ग्राम पंचायत में 378.79 लाख रुपये की लागत से बनी पानी की टंकी का काम पूरा हो गया है। हालांकि, गांव में अभी तक पाइपलाइन नहीं बिछाई जा सकी है। कार्यदायी संस्था वीएसए आईपीपीएल-एससीएल ने यह काम 21 फरवरी 2023 को शुरू किया था, जिसे 20 फरवरी 2024 तक पूरा किया जाना था। निर्धारित समय-सीमा बीत जाने के बाद भी पाइपलाइन का काम अधूरा है। इस पानी की टंकी से दो ग्राम पंचायतों के लाभार्थियों को आच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन बरई पारा के केवल लगभग 100 लोगों को ही पानी की आपूर्ति मिल पा रही है। तेंधा ग्राम पंचायत के किसी भी मजरे में आज तक पानी नहीं पहुंच सका है, जबकि इसमें चार मजरे शामिल हैं। जल जीवन मिशन के तहत करीब 5000 लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है, लेकिन फिलहाल सिर्फ 100 घरों तक ही पानी पहुंच रहा है। तेंधा ग्राम पंचायत के प्रधान राजू कनौजिया ने बताया कि पाइपलाइन बिछाई गई है और लोगों को कनेक्शन भी दिए गए हैं, लेकिन पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि पाइपलाइन बिछाते समय लोगों को उच्च गुणवत्ता वाला पानी मिलने की उम्मीद थी, जो आज तक पूरी नहीं हो सकी है। टंकी के ऑपरेटर दुर्गा ने बताया कि हर जगह पानी नहीं पहुंच पा रहा है। केवल बरई पारा गांव में ही करीब 100 घरों तक पानी की आपूर्ति हो रही थी, वह भी लगभग 15 दिनों से बंद है। इसका कारण एक स्थान पर जेसीबी मशीन से पाइपलाइन का फट जाना है, जिसकी मरम्मत अभी तक नहीं हो सकी है। बोर्ड में दर्शाया गया है कि कार्य 20 फरवरी 2024 को पूर्ण कर दिया गया है, लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं है।
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