मधेपुरा में बुडको (बिहार अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) की ओर से करीब 73 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण कराए जा रहे वाटर ड्रेनेज सिस्टम को लेकर उठ रहे गुणवत्ता संबंधी सवालों के बीच अब जांच की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है। शुक्रवार को पटना से आई उड़नदस्ता जांच टीम ने निर्माणाधीन नाले का स्थलीय निरीक्षण किया और तकनीकी मानकों की बारीकी से जांच की। यह कार्रवाई मधेपुरा सदर विधायक प्रो. चंद्रशेखर द्वारा लगातार निर्माण कार्य में अनियमितता के आरोप लगाए जाने और थर्ड पार्टी जांच की मांग किए जाने के बाद की गई है। पश्चिमी बायपास से शुरू हुआ निरीक्षण जांच टीम का नेतृत्व पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता अक्षय कुमार कर रहे हैं। टीम ने निरीक्षण की शुरुआत पश्चिमी बायपास क्षेत्र से की, जहां निर्माणाधीन नाले की मोटाई, कंक्रीट की गुणवत्ता और संरचनात्मक मजबूती का जायजा लिया गया। इस दौरान टीम ने अलग-अलग स्थानों से सैंपल एकत्र किए, ताकि प्रयोगशाला में उनका परीक्षण कराया जा सके। टीम के सदस्यों ने नाले की डिजाइन, ढलान, जोड़ और इस्तेमाल की जा रही निर्माण सामग्री पर भी विशेष ध्यान दिया। सबहेड:सैंपल जांच के लिए पटना भेजे जाएंगे कार्यपालक अभियंता अक्षय कुमार ने बताया कि वाटर ड्रेनेज सिस्टम से जुड़े सभी तकनीकी पहलुओं की गहन जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि केवल एक-दो स्थानों तक जांच सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पूरी लंबाई में विभिन्न बिंदुओं से सैंपल लिए जाएंगे। इन सैंपलों को परीक्षण के लिए पटना भेजा जाएगा, जहां लैब रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाएगा कि निर्माण निर्धारित मानकों के अनुरूप है या नहीं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निर्माण कार्य को लेकर प्राप्त सभी शिकायतों की बिंदुवार जांच की जाएगी। सबहेड:स्थानीय लोगों ने निष्पक्ष जांच की उठाई मांग निरीक्षण के दौरान मौजूद स्थानीय समाजसेवी विनीता भारती ने जांच प्रक्रिया को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उड़नदस्ता टीम का आना एक सकारात्मक पहल है, लेकिन जांच पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए। उनका कहना था कि सैंपलिंग प्रक्रिया केवल चुनिंदा स्थानों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि पूरे नाले के हर हिस्से की जांच आवश्यक है, ताकि किसी भी प्रकार की खामी छिप न सके। उन्होंने यह भी मांग की कि जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए, जिससे आम जनता को भी निर्माण की गुणवत्ता की सही जानकारी मिल सके। सबहेड:विधायक के विरोध और पूर्व विवादों से जुड़ा मामला गौरतलब है कि इस वाटर ड्रेनेज सिस्टम को लेकर मधेपुरा सदर विधायक प्रो. चंद्रशेखर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। उनका आरोप रहा है कि नाले के निर्माण में मानकों की अनदेखी की जा रही है और घटिया सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है। इससे पहले निर्माण स्थल पर एक मजदूर के साथ कथित मारपीट का मामला भी सामने आ चुका है। इस मामले को लेकर विधायक के खिलाफ अब तक दो प्राथमिकी दर्ज होने की जानकारी सामने आई है, जिससे यह परियोजना लगातार विवादों में बनी हुई है। सबहेड:रिपोर्ट के बाद तय होगी आगे की कार्रवाई फिलहाल उड़नदस्ता टीम की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि बुडको द्वारा कराया जा रहा वाटर ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण तय तकनीकी मानकों और गुणवत्ता के अनुरूप है या नहीं। रिपोर्ट के आधार पर आगे की प्रशासनिक और तकनीकी कार्रवाई तय की जाएगी। यदि जांच में गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित एजेंसी और अधिकारियों पर कार्रवाई की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। इस परियोजना को लेकर अब पूरे जिले की नजरें जांच रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं।
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