DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

गयाजी चांपी डबल मर्डर केस में जमीन विवाद की आशंका:24 घंटे बाद भी FIR दर्ज नहीं, बेटा बोला- जब किसी को देखा ही नहीं, किसका नाम लूं

चांपी दोहरे हत्याकांड में 24 घंटे बाद भी FIR नहीं, पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार हो चुका, जमीन विवाद की आशंका पर पुलिस की नजर गयाजी के चांपी गांव में डबल मर्डर में 24 घंटे बाद भी FIR नहीं हुई है। गुरुवार सुबह दंपती की लाश मिलने के बाद पोस्टमॉर्टम कराया गया। पुलिस ने शव को परिजन को सौंप दिया, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। खबर लिखे जाने तक वारदात के बाद 24 घंटे बाद भी पीड़ित परिवार की ओर से शेरघाटी थाना में लिखित तहरीर नहीं दी गई है। हालांकि, पुलिस की एक टीम शुक्रवार देर शाम मृतक के परिजनों से तहरीर लेने के लिए गांव पहुंची, लेकिन वहां भी कोई ठोस बयान सामने नहीं आया। मामले में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि पीड़ित परिवार ही नहीं, बल्कि गांव के लोग भी पूरी तरह खामोश हैं। कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। गांव में सन्नाटा है। हर कोई सवालों से बचता नजर आ रहा है। मृत दंपती के इकलौते बेटे रवि कुमार का साफ कहना है कि अभी हम कुछ नहीं बोलेंगे। दाह-संस्कार हो गया है। जो भी कहना होगा। थाने में लिखित रूप से ही कहेंगे। हत्या के पीछे वजह क्या हो सकती है, इस सवाल पर भी वह चुप्पी साधे हुए हैं। सबसे पहले वारदात से जुड़ी 2 तस्वीर देखिए दोहरे हत्याकांड के पीछे जमीन विवाद की आशंका सूत्रों की मानें तो इस दोहरे हत्याकांड की जड़ जमीन विवाद हो सकता है। हालांकि ये विवाद फिलहाल चांपी गांव से जुड़ा नहीं बताया जा रहा है। चांपी में अब तक मृतक परिवार का किसी से कोई खुला विवाद सामने नहीं आया है। मृतका लंबे समय तक वार्ड सदस्य रह चुकी थी। वर्तमान में भी वह वार्ड सदस्य थी। न वार्ड पार्षदी को लेकर कोई विवाद, न गांव में किसी से अदावत। न ही सगे भाइयों से कोई झगड़ा। गांव के रिकॉर्ड में सब कुछ सामान्य रहा है। मृत दंपती अपने काम से मतलब रखता था। मृतक प्रदीप के पैतृक गांव से वारदात के जुड़ने की आशंका सूत्र बताते हैं कि हत्या की कड़ी मृतक प्रदीप यादव के पैतृक गांव गौसपुर से जुड़ सकती है। गौसपुर झारखंड के चतरा जिले में आता है। गौसपुर से चांपी की दूरी महज 6 किलोमीटर है। बताया जाता है कि प्रदीप यादव के पिता वर्षों पहले चांपी में बस गए थे। चांपी उनकी ससुराल थी। यहीं उन्होंने स्थायी ठिकाना बना लिया। लेकिन गौसपुर से उनका नाता कभी टूटा नहीं। वहां उनके हिस्से की जमीन थी। हर साल प्रदीप यादव वहां से कुछ अनाज भी लाया करता था। गौसपुर में गोतिया भाइयों से जमीन को लेकर विवाद भी चल रहा था सूत्रों का कहना है कि गौसपुर में गोतिया भाइयों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इसी विवाद को लेकर कुछ दिन पहले प्रदीप यादव का पीछा किए जाने की भी चर्चा है। करीब एक सप्ताह पहले कुछ लोगों के पीछे लगने की बात सामने आई थी। हालांकि तब मामला टल गया था और इसे सामान्य मान लिया गया व आई गई बात हो गई। अब दोहरे हत्याकांड के बाद वही कड़ी फिर से चर्चा में है। दंपती के बेटे ने कहा- जब किसी को देखा ही नहीं, कैसे किसी का नाम लें हालांकि मृतक का बेटा रवि कुमार इन तमाम आशंकाओं पर कुछ भी कहने से इनकार कर रहा है। उसका कहना है कि जब हमने देखा ही नहीं, तो किसी का नाम कैसे ले लें। बिना आधार के कैसे किसी को फंसा दें। उसने साफ कहा कि न गांव में और न ही चाचा-पट्टी से किसी तरह की दुश्मनी थी। इसके बावजूद हत्या क्यों हुई, यह उसकी समझ से बाहर है। काफी पूछताछ के बाद भी वह किसी निष्कर्ष पर जाने को तैयार नहीं हुआ। बार-बार यही कहा कि जो भी बात होगी, पुलिस को लिखित में दी जाएगी। गौरतलब है कि प्रदीप यादव चार भाइयों में सबसे छोटा था। चार में से दो भाइयों की मौत पहले ही हो चुकी है। परिवार पहले से ही सीमित था। अब पति-पत्नी की एक साथ हत्या ने पूरे मामले को और रहस्यमय बना दिया है। इधर, एएसपी शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए कई टीमों को लगाया गया है। हर एंगल से जांच चल रही है। फिलहाल किसी एक दिशा में जांच केंद्रित नहीं की गई है। जमीन विवाद, आपसी रंजिश, पारिवारिक कारण समेत सभी बिंदुओं पर जांच हो रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा और वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा।


https://ift.tt/tFVb9rv

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *