कानपुर नगर निगम का सदन शुक्रवार को हुआ। महापौर प्रमिला पांडेय और नगर आयुक्त अर्पित उपाध्याय की मौजूदगी में 11 प्रस्ताव पढ़े गए और हंगामे के बीच इन प्रस्तावों को पास कर दिया गया। अब इन प्रस्तावों पर 30 दिन तक आपत्ति स्वीकार की जाएगी, जिसके निस्तारण के बाद बजट जारी कर दिया जाएगा। सदन में सबसे अहम प्रस्ताव नए मकान मालिकों के नामांतरण संबंधी प्रस्ताव कर रहा। अब शहरवासियों से किसी भी प्रॉपर्टी को उनके नाम ट्रांसफर (नामांतरण) करने के लिए निर्धारित शुल्क 6500 ही लिया जाएगा। इसमें 5 हजार रुपए शुल्क, 1 हजार आवेदन और 500 रुपये विज्ञापन का खर्च है। जो एक साथ जमा करना होगा। नामांतरण में जितनी देरी, उतना ज्यादा जुर्माना सदन के दौरान महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि लोगों की मांग को देखते हुए नामांतरण का शुल्क निर्धारित कर दिया गया है। पहले डीएम के सर्किल रेट का 1 प्रतिशत नामांतरण शुल्क के रूप में लिया जाता था, लेकिन अब हर भवन के लिए निर्धारित शुल्क लिया जाएगा। लेकिन नामांतरण में देरी करने वालों से अब जुर्माना भी वसूल किया जाएगा। नया मकान बनाने या मकान अपने नाम ट्रांसफर कराने में एक साल से ज्यादा समय बीता को जुर्माना देना होगा। 1 से 3 वर्ष में 1000 रुपए, 3 से 5 वर्ष की देरी होने पर 2000 हजार रुपए और 5-10 वर्ष के बाद नामांतरण कराने पर 5000 रुपए जुर्माना देना होगा। इसके बाद किसी ने आवेदन किया तो उससे 10 हजार रुपए जुर्माने के रूप में लिया जाएगा। वार्डों में रखे जाएगे चार-चार सफार्इ कर्मी नगर निगम के सदन के दौरान हर वार्ड में सफाई के लिए 10-10 सफाई कर्मचारी रखने की बात कही गई। लेकिन हर वार्ड में 4-4 सफाई कर्मी रखने की बात पर सहमति बनी। इस प्रस्ताव को सदन में पास कर दिया गया। लेकिन इसी प्रस्ताव के बीच में हंगामा शुरू हो गया। वार्ड चार के पार्षद अंकित मौर्य ने कहा कि यह प्रस्ताव तो पहले भी बना था, लेकिन सफाई कर्मचारी नहीं मिले। वह बोल रहे थे कि उन्हें पार्षद दल के नेता नवीन पंडित ने बैठने के लिए कहा। इसी बात पर वह दोनों उलझ पड़े और सदन में हंगामा शुरू हो गया। सांसद के सवालों के दिए गए जवाब कानपुर के बृजेंद्र स्वरूम मैदान में बने केआईजेसी मंगल भवन के शुल्क से जुड़े प्रस्ताव को भी शुक्रवार को हुए सदन में पास कर दिया गया। इस भवन को लेकर सांसद रमेश अवस्थी ने कई सवाल उठाए थे, इन सातों सवालों का भी सदन में जवाब दिया गया। सदर के दौरान नगर आयुक्त ने एक्सईएन आरके सिंह को सवालों के जवाब देने को कहा। इस पर एक्सईएन ने एक-एक सवाल को पढ़कर उसका जवाब दिया। गुणवत्ता संबंधी सवाल पर महापौर प्रमिला पांडेय ने नगर आयुक्त से कहा कि मंगलभवन के निर्माणकी जांच एचबीटीयू कर चुका है। लेकिन, एक बार फिर से जांच कराकर सांसद जी को अवगत कराया जाए। 30 दिन तक स्वीकार होगी आपत्ति नगर निगम के सदन में जो भी प्रस्ताव पास हुए हैं, उसमें अगर किसी को आपत्ति है तो वह आगामी 30 दिन तक अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है। आपत्तियां पूरी होने के बाद नगर निगम की ओर से इसका निस्तारण किया जाएगा। निस्तारण होने के बाद सभी पास हुए प्रस्तावों को फाइनल करते हुए गजट जारी कर दिया जाएगा और यह शहर में पूरी तरह से लागू हो जाएंगे।
https://ift.tt/HN8IXcx
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply