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14 दिन की SIR जांच, वोटर लिस्ट में मामूली सुधार:बरेली में 34 लाख वोटरों में अब भी 7 लाख से ज्यादा नाम अपात्र

बरेली जिले में वोटर लिस्ट की सफाई के लिए चलाए गए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान को 14 दिन हो गए हैं, लेकिन नतीजे चौंकाने वाले रहे। 12 दिसंबर से 26 दिसंबर तक चली गहन जांच के बावजूद वोटर लिस्ट में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया। जिले में अब भी 7 लाख से अधिक मतदाता अपात्र पाए गए हैं। आंकड़े बताते हैं कि दो हफ्ते की मेहनत के बाद भी केवल मामूली सुधार हुआ, जबकि कई विधानसभा क्षेत्रों में अपात्र वोटरों का प्रतिशत लगभग जस का तस रहा। 12 दिसंबर को जिले में कुल 7 लाख 27 हजार 129 मतदाता अपात्र पाए गए थे, जबकि 26 दिसंबर की अपडेटेड रिपोर्ट में यह संख्या घटकर 7 लाख 16 हजार 156 रह गई। यानी 14 दिन में कुल 10,973 नाम या तो सही किए गए या सूची से हटाए गए।
34 लाख वोटर, SIR का शत-प्रतिशत काम पूरा
उप जिला निर्वाचन अधिकारी संतोष सिंह ने बताया कि बरेली में कुल 34 लाख 5 हजार से अधिक मतदाता दर्ज हैं। SIR के तहत BLO और अधिकारियों ने घर-घर जाकर सत्यापन किया। मृतक, स्थानांतरित, लंबे समय से अनुपस्थित, दोहरे और पहले से अन्य जगह पंजीकृत मतदाताओं को अपात्र की श्रेणी में रखा गया। 26 दिसंबर तक SIR का काम 100 प्रतिशत पूरा हो गया और फाइनल आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। बरेली कैंट और बरेली शहर में अब भी सबसे ज्यादा गड़बड़ी
दोनों रिपोर्ट की तुलना में यह बात साफ है कि बरेली कैंट और बरेली विधानसभा अब भी जिले की सबसे ज्यादा गड़बड़ी वाली सीटें बनी हुई हैं, हालांकि यहां भी कुछ सुधार दर्ज किया गया है। 12 दिसंबर को
बरेली कैंट में अपात्र वोटर 36.00 प्रतिशत
बरेली विधानसभा में 35.89 प्रतिशत 26 दिसंबर को
बरेली कैंट में अपात्र वोटर घटकर 35.20 प्रतिशत
बरेली विधानसभा में घटकर 35.33 प्रतिशत यानी दोनों सीटों पर 0.6 से 0.7 प्रतिशत तक सुधार हुआ है, लेकिन आंकड़े अब भी बाकी सीटों से काफी ज्यादा हैं। कहां कितने अपात्र वोटर, पुराना बनाम नया अंतर बहेड़ी विधानसभा
12 दिसंबर: 16.13 प्रतिशत
26 दिसंबर: 15.77 प्रतिशत
हल्की गिरावट दर्ज मीरगंज विधानसभा
12 दिसंबर: 13.85 प्रतिशत
26 दिसंबर: 13.53 प्रतिशत
करीब 0.3 प्रतिशत सुधार भोजीपुरा विधानसभा
12 दिसंबर: 16.63 प्रतिशत
26 दिसंबर: 16.46 प्रतिशत
नामों में मामूली कमी नवाबगंज विधानसभा
12 दिसंबर: 14.21 प्रतिशत
26 दिसंबर: 14.10 प्रतिशत
लगभग स्थिर स्थिति फरीदपुर विधानसभा
12 दिसंबर: 20.42 प्रतिशत
26 दिसंबर: 20.16 प्रतिशत
अब भी 20 प्रतिशत से ऊपर बिथरी चैनपुर विधानसभा
12 दिसंबर: 18.87 प्रतिशत
26 दिसंबर: 18.67 प्रतिशत
करीब 0.2 प्रतिशत का सुधार बरेली विधानसभा
12 दिसंबर: 35.89 प्रतिशत
26 दिसंबर: 35.33 प्रतिशत
हजारों नाम घटे, फिर भी ऊंचा आंकड़ा बरेली कैंट विधानसभा
12 दिसंबर: 36.00 प्रतिशत
26 दिसंबर: 35.20 प्रतिशत
जिले में अब भी सबसे ज्यादा अपात्र वोटर आंवला विधानसभा
12 दिसंबर: 14.79 प्रतिशत
26 दिसंबर: 14.77 प्रतिशत
लगभग कोई बदलाव नहीं क्यों बदले आंकड़े, प्रशासन ने दी ये वजह
अधिकारियों के मुताबिक पहले चरण में बड़ी संख्या में नाम अपात्र घोषित किए गए थे। इसके बाद आपत्तियों, दस्तावेजों और दोबारा जांच में कई नाम सही पाए गए। इसी वजह से दूसरी रिपोर्ट में अपात्र वोटरों की संख्या घटी। SIR के दौरान जिन कारणों से नाम हटाए गए, उनमें मृत्यु, दूसरे जिले या राज्य में शिफ्ट होना, लंबे समय से अनुपस्थित, एक से ज्यादा जगह नाम दर्ज होना, पहले से डिलीट मतदाता शामिल रहे चुनावी गणित पर पड़ेगा सीधा असर
विशेषज्ञ मानते हैं कि बरेली जैसे शहरी और अर्ध-शहरी जिले में इतने बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट में बदलाव का सीधा असर आने वाले चुनावों पर पड़ेगा। खासतौर पर बरेली और बरेली कैंट सीटों पर, जहां हर तीसरा मतदाता अपात्र की श्रेणी में पाया गया है।


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