दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने TB उन्मूलन अभियान को मजबूती देते हुए 75 TB उपचाराधीन मरीजों को गोद लिया है। शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन और CMO डॉ राजेश झा की मौजूदगी में मरीजों को पोषण पोटली वितरित की गई। विश्वविद्यालय ने साफ किया कि मरीजों के पूरी तरह स्वस्थ होने तक यह सहयोग लगातार जारी रहेगा। कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि TB का इलाज केवल दवा से नहीं, बल्कि सही पोषण और नियमित देखभाल से सफल होता है। इसी उद्देश्य से विश्वविद्यालय ने मरीजों को गोद लेने का फैसला किया है, ताकि इलाज के दौरान किसी तरह की कमी न रहे और मरीज समय पर स्वस्थ हो सकें। प्रधानमंत्री के TB मुक्त भारत संकल्प से जुड़ी पहल कुलपति ने बताया कि TB मरीजों को गोद लेने की यह प्रक्रिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 75वें जन्मदिन से शुरू किए गए राष्ट्रीय TB उन्मूलन संकल्प से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सामाजिक दायित्व के तहत इस अभियान में लगातार भागीदारी निभाएगा। कुलपति ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय जिले में संचालित अन्य स्वास्थ्य अभियानों में सहयोग बढ़ाएगा। महिलाओं की स्वास्थ्य जांच से जुड़े पिंक कार्ड अभियान में भी विश्वविद्यालय सक्रिय भूमिका निभाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोगों तक जांच और इलाज की सुविधा पहुंच सके। TB उन्मूलन में समाज की भूमिका अहम
CMO डॉ राजेश झा ने कहा कि TB उन्मूलन का लक्ष्य तभी हासिल किया जा सकता है, जब समाज के सभी वर्ग इसमें भागीदार बनें। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति या संस्था TB मरीज को गोद लेकर उसकी मदद कर सकती है। इसमें हर महीने पोषण पोटली देना, मरीज का हालचाल लेना और उन्हें इलाज के दौरान दवा बीच में न छोड़ने के लिए प्रेरित करना जरूरी है। कार्यक्रम में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा, विश्वविद्यालय की शिक्षिका प्रोफेसर दिव्या रानी सिंह ने भी विचार रखे। संचालन उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी, डीएमओ अंगद सिंह, डीपीसी धर्मवीर प्रताप सिंह, पीपीएम समन्वयक एएन मिश्रा सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
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