गोरखपुर में शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया उस समय विवादों में आ गई, जब आधी रात 12 बजे समायोजन की सूची जारी कर दी गई और सुबह 9 बजे ही अध्यापकों को काउंसलिंग के लिए बुला लिया गया। अचानक जारी सूची में कई गंभीर विसंगतियां सामने आईं। यह भी स्पष्ट नहीं किया गया कि वरिष्ठ या कनिष्ठ शिक्षकों में से किसका समायोजन होगा। इस असमंजस की स्थिति में सैकड़ों शिक्षक BSA कार्यालय पहुंच गए, जिससे कार्यालय परिसर के साथ-साथ स्कूलों में भी अफरातफरी का माहौल बन गया। विसंगतियों की शिकायत लेकर पहुंचा प्रतिनिधिमंडल
समायोजन सूची में गड़बड़ियों की जानकारी देने के लिए उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल BSA कार्यालय पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने अधिकारियों को बताया कि सूची जारी करने का समय और प्रक्रिया दोनों ही अव्यवस्थित हैं, जिससे शिक्षकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संघ पदाधिकारियों का आरोप है कि BSA कार्यालय में पहले से मौजूद एडी बेसिक शिक्षा अधिकारी संगीता सिंह द्वारा प्रतिनिधिमंडल से दुर्व्यवहार किया गया। इससे नाराज शिक्षकों ने BSA कार्यालय परिसर में नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे कुछ देर के लिए स्थिति तनावपूर्ण हो गई। वार्ता के बाद BSA ने मानी विसंगतियां
हालात को देखते हुए बाद में BSA ने प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया। वार्ता के दौरान प्रतिनिधिमंडल द्वारा बताई गई विसंगतियों से BSA ने सहमति जताई और आश्वासन दिया कि फिलहाल केवल नगर क्षेत्र में ही समायोजन किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र का समायोजन विसंगतियों को दूर कर नई सूची जारी करने और शिक्षकों को समय देकर किया जाएगा। शासनादेश उल्लंघन- गलत सरप्लस दिखाने के आरोप
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि शासनादेश का उल्लंघन करते हुए कहीं वरिष्ठ तो कहीं कनिष्ठ शिक्षकों का समायोजन किया जा रहा है। उरुवा ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय रामपुर बघोर में मार्च 2026 में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों को भी सरप्लस दिखाया गया है। इसके अलावा कई विद्यालयों में वास्तविक छात्र संख्या के विपरीत रिक्त पद दिखाकर शिक्षकों को सरप्लस दर्शाया गया है।
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