आवास विकास परिषद अब सैनिकों को सस्ते रेट पर फ्लैट देगा। उन्हें आम जनता से हटकर 5% ज्यादा की छूट दी जाएगी। यानी अब उन्हें फ्लैट पर कुल 20% का डिस्काउंट दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें भुगतान करने की समय सीमा भी ज्यादा दोनों की दी जाएगी। यह प्रस्ताव बोर्ड में सैनिकों के सुझाव के बाद रखा गया था जो कि शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में पास हो गया है। वहीं, आवास विकास परिषद की लखनऊ की आईटी सिटी में सात भूखंड लंबे समय से बिक नहीं पा रहे हैं। आवास विकास परिषद अब इनके दामों को घटा करके ई-ऑक्शन में बेचेगा। ये बुकिंग और चार बार ऑप्शन में रखे गए लेकिन कोई खरीदार नहीं आया। इन भूखंडों के बिकने से परिषद को करीब 300 करोड़ रुपए का फायदा होगा। वहीं, विकासनगर मिनी स्टेडियम को निजी हाथों में देने का निर्णय लिया गया है। अधिकतम छूट के लिए 60 दिन का समय मिलेगा आवास विकास सचिव नीरज शुक्ला ने बताया कि कई बार उनके पास अलग-अलग रेजिमेंट के अर्धसैनिक बल के सैनिक मिलने आए जहां उन्होंने बताया कि तैनाती के दौरान छुट्टी न मिलना या दूसरी समस्याओं के चलते वह फ्लैट को खरीद नहीं पा रहे हैं। तय सीमा में पैसे भी नहीं जमा कर पा रहे हैं। इसको ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव पास किया गया है। 60 दिनों में फ्लैट का पूरा भुगतान करने पर 20% की छूट दी जाएगी। आम नागरिकों के लिए यह छूट 15% है। 61 से 90 दिनों में भुगतान करने पर 15% की छूट दी जाएगी जोकि आम नागरिकों के लिए 10% है। उन्हें भुगतान करने की सीमा में 30 दिनों की ओर छूट दी जाएगी। यानी 90 से 120 दिनों के अंदर भुगतान करने पर 10% की छूट दी जाएगी। विकासनगर का मिनी स्टेडियम पीपीपी मॉडल पर होगा लखनऊ के विकास नगर इलाके में बना आवास विकास का फुटबॉल मैदान अब निजी हाथों में जाएगा। इसका संचालन अब पीपीपी मॉडल पर होगा। इसके लिए जल्द ई-टेंडर निकाला जाएगा। इसे 10 साल के लिए लीज पर दिया जाएगा। 5-5 सालों में दो बार लीज रिन्युअल की जाएगी। इसको लेने वाली संस्था को इसमें खेलने आने वाले खिलाड़ियों से सरकारी रेट के हिसाब से ही फीस लेनी होगी, उससे ज्यादा नहीं। अधूरा निर्माण को होगा पूरा, बनेंगे 240 फ्लैट
लखनऊ की वृंदावन योजना सेक्टर-12 स्थित अरावली एनक्लेव में 8 साल बाद अधूरा निर्माण पूरा होगा। पांच नए टावर बनाए जाएंगे। जिसमें 240 फ्लैट होंगे। ये फ्लैट 1500 और 1600 वर्ग फुट के होंगे। इनकी कीमत 80 से 86 लाख रुपए होगी। अरावली एनक्लेव योजना को परिषद ने वर्ष 2017 में लॉन्च किया था। शुरुआत में चार टावर बनाए गए थे। पर इसमें बने फ्लैट बिक नहीं पा रहे थे। जिसके बाद अफसरों ने पांच टावर को बनाने पर रोक लगा दी थी। बने टावर के ज्यादातर फ्लैट्स बिक गए और डिमांड बढ़ गई है। इसलिए अब बाकी के पांच टावर के 240 फ्लैट्स और बनाए जाएंगे। कास्टिंग गाइडलाइंस को किया लागू
बोर्ड बैठक में शासन से जारी आदर्श कास्टिंग गाइडलाइंस-2025 को समाहित कर लिया है। अब परिषद की नई योजनाओं में भूखंडों के रेट का निर्धारण आदर्श कास्टिंग गाइडलाइंस-2025 के अनुसार किया जाएगा। इस गाइड लाइंस के लागू होने से आवास विकास परिषद के भूखंड सस्ते होंगे। नई गाइडलाइंस में 25% तक की छूट, ब्याज दरों में कमी और अतिरिक्त शुल्कों (जैसे कॉर्नर, पार्क फेसिंग चार्ज) को व्यावहारिक बनाने के प्रावधान हैं। अभी तक ग्राहक को कॉर्नर, पार्क फेसिंग और रोड के लिए करीब 20% अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता था। नई गाइडलाइन लागू होने के बाद इसमें करीब 5% की कमी आएगी। पांच जिलों में आएंगी नई योजनाएं
प्रतापगढ़ में छह महीने में नई योजना, मऊ और गाजीपुर में अगले साल
आवास विकास परिषद प्रतापगढ़ में नई योजना लेकर आ रहा है। 141 हेक्टेयर की यह योजना अगले छह महीने में शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही गाजीपुर में 64 एकड़ और मऊ में 197 हेक्टेयर में दो योजनाएं अगले साल धरातल पर आएंगे। वहीं, कानपुर की मंधना भूमि विकास एवं गृहस्थान योजना-4 में लैंड पूलिंग स्कीम को बोर्ड बैठक में अनुमति मिल गई है। इसके अलावा चित्रकूट, गाजीपुर और बांदा में अगले साल छोटी योजनाओं को लॉन्च करने का अनुमोदन किया गया है। गाजियाबाद के किसानों को मिलेगा 35 वर्गमीटर का प्लॉट
गाजियाबाद की वसुंधरा योजना संख्या-3 के विस्थापित किसानों को अब परिषद की ओर से 35 वर्गमीटर का प्लॉट दिया जाएगा। इससे पहले उन्हें 25 वर्ग मीटर तक के भूखंड दिए गए थे। जिसको लेकर किसान लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। बोर्ड बैठक में शुक्रवार को जिन किसानों की जमीनें योजना में ली गई हैं, उन्हें वर्तमान व्यवसायिक दर पर भूखंड आवंटित करने का निर्णय लिया गया है। परिषद के 15 रिटायर्डकर्मियों पर लगा अर्थदंड
प्रदेश की विभिन्न योजनाओं में अनियमितता सामने आने पर परिषद के 15 रिटायर्ड कर्मियों पर अर्थदंड लगाकर उसकी वसूली का निर्णय लिया गया है। इनमें प्रमुख रूप से रिटायर्ड अधिशासी अभियंता नासिर हुसैन फाजिली, सहायक अभियंता राजीव कुमार यादव, अवर अभियंता गजेंद्र पाल, सहायक अभियंता अनूप त्रिपाठी, अवर अभियंता हरि शंकर सचान, सहायक अभियंता अफसर अली, अभियंता आरके गुप्ता, सहायक अभियंता डीसी शुक्ला, डीरआर मौर्या, अवर अभियंता यूसी मिश्रा, अधीक्षण अभियंता सीपी सिंह, अवर अभियंता एसके सिंह भदौरिया, प्रभारी संपत्ति प्रबंधक डीके शुक्ला, प्रशासनिक अधिकारी कन्हई प्रसाद, वरिष्ठ सहायक केएन शुक्ला, कनिष्ठ लेखाधिकारी प्रमोद अग्रवाल और अन्य अधिकारियों से गबन की धनराशि की वसूली और उनकी पेंशन से पांच से दस प्रतिशत तक कटौती का करने का निर्णय लिया गया है।
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