प्रदेश में लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर विधानसभा में भी चर्चा हो चुकी है। सपा के सदस्यों ने जहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए, वहीं ऊर्जा मंत्री ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर स्मार्ट मोबाइल की तरह है। इससे उपभोक्ताओं को पूरी पारदर्शिता मिलेगी। बिजली खपत कर हर पर ब्योरा मिलेगा। दरअसल प्रदेश में 6 प्रतिशत के लगभग चेक मीटर लगे हैं, लेकिन इसकी रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं हुई। प्रदेश में 22 दिसंबर तक कुल 56,82,784 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं। इसकी तुलना में 3,76,596 चेक मीटर छोड़े गए थे। ये 6 प्रतिशत से अधिक है। हालांकि भारत सरकार ने 5 प्रतिशत ही चेक मीटर छोड़ने का निर्देश दिया था। चेक मीटर लगाने का मकसद ये था कि इसकी मासिक रीडिंग, मिलान रिपोर्ट और विश्लेषण सार्वजनिक किया जाएगा। इससे स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर लोगों में किसी तरह की भ्रम नहीं रहेगा। आज तक चेक मीटर की रिपोर्ट नहीं की गई सार्वजनिक उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का दावा है कि पावर कॉर्पोरेशन की ओर से आज तक चेक मीटर की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। इसी कारण स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। चेक मीटर की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग भारत सरकार रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरईसी) कर चुका है। पर आज तक आरईसी को भी नहीं भेजी गई। जबकि हर महीने ये रिपोर्ट भेजना था। इसे लेकर भी आरईसी कई पत्र लिख चुका है। विधानसभा में ऊर्जा मंत्री ने एक लाइन का जवाब दिया ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने विधानसभा में सपा सदस्यों के सवाल के जवाब में कहा कि चेक मीटर की रिपोर्ट से साफ है कि स्मार्ट प्रीपेड में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर सही ढंग से कार्य कर रहे हैं। जबकि उपभोक्ताओं से लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं। कहीं अचानक लोड जंप हो रहा है, कहीं रीडिंग असामान्य रूप से तेज चल रही है, जिससे उपभोक्ताओं में गहरा असंतोष और अविश्वास पैदा हुआ है। जबकि भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय एवं रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (REC) द्वारा पहले ही यह स्पष्ट निर्देश जारी किए गए थे कि सभी चेक मीटरों की हर महीने रीडिंग ली जाए, स्मार्ट मीटर से मिलान किया जाए और उसकी रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाए। दुर्भाग्यवश, आज तक ऐसी कोई सामूहिक रिपोर्ट न तो केंद्र सरकार को भेजी गई और न ही सार्वजनिक की गई है। वितरण कंपनियों की वेबसाइट पर रिपोर्ट जारी करें उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि पावर कॉर्पोरेशन को प्रदेश की सभी बिजली वितरण कंपनियों की वेबसाइट पर चेक मीटर से संबंधित मासिक मिलान रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए। इससे प्रदेश के विद्युत उपभोक्ता स्वयं यह देख सकेंगे कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर वास्तव में कितने सही और पारदर्शी हैं। जब तक यह प्रक्रिया नहीं अपनाई जाती, तब तक उपभोक्ताओं में अविश्वास स्वाभाविक है।
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