नालंदा के बिहारशरीफ में फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले विक्रेताओं ने अपनी आजीविका की सुरक्षा को लेकर आवाज उठाई है। फुटपाथ संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को उपनगर आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा और अपनी चार सूत्रीय मांगें रखी। फुटपाथ संघर्ष मोर्चा के जिला अध्यक्ष रामदेव चौधरी के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने नगर आयुक्त के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। इसमें मुख्य रूप से वेंडिंग जोन की व्यवस्था किए बिना फुटपाथ विक्रेताओं को हटाए जाने का विरोध किया है। 2014 के कानून का हवाला देते हुए उठाई आवाज रामदेव चौधरी ने कहा कि 2014 में बने स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के प्रावधानों के अनुसार, सर्वे में शामिल सभी फुटपाथ दुकानदारों को पहले ऑप्शनल वेंडिंग जोन उपलब्ध कराना अनिवार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना वेंडिंग जोन दिए किसी भी विक्रेता को उसके रोजगार स्थल से हटाना कानून का सीधा उल्लंघन है। संगठन ने खासतौर पर अस्पताल चौक पर फुटपाथ दुकान लगाने वाले विक्रेताओं को बिना किसी पूर्व सूचना और ऑप्शनल व्यवस्था के हटाए जाने का घोर विरोध किया है। मोर्चा की मांग है कि नगर आयुक्त इन विक्रेताओं के लिए वेंडिंग जोन की व्यवस्था सुनिश्चित करें। ठेला लगाने की अनुमति देने की मांग ज्ञापन में प्रमुख मांगों में पहली मांग अस्पताल चौक के सभी फुटपाथ विक्रेताओं को सुबह 5 बजे से 10 बजे तक और शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक अपने रोजगार स्थल पर ठेला लगाने की अनुमति देने की है। दूसरी मांग- रविवार को पूरे दिन यानी सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक व्यापार की अनुमति मिलने से संबंधित है। तीसरी मांग में कहा गया है कि बिहारशरीफ के किसी भी फुटपाथ विक्रेता को वेंडिंग जोन की व्यवस्था किए बिना उनके रोजगार स्थल से न हटाया जाए। चौथी मांग के तहत 14 जुलाई 2015 में गठित शहरी फुटपाथ विक्रेता समिति यानी टाउन वेंडिंग कमेटी की नियमित बैठकें आयोजित की जाएं। इस अवसर पर फुटपाथ संघर्ष मोर्चा के जिला सचिव मोहम्मद सदीक अजहर, जिला महासचिव महेंद्र प्रसाद, अतिपिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक संघर्ष मोर्चा के जिला महासचिव उमेश पंडित, जिला सदस्य सुरेंद्र शर्मा, मार्केट कमेटी के उपाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार सहित अवधेश गिरी, राजेंद्र राउत, उपेंद्र कुमार और जोगिंदर पासवान सहित कई पदाधिकारी और सदस्य मौजूद थे।
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