आजमगढ़ जिले के एसएसपी डॉक्टर अनिल कुमार के निर्देश पर जिले में अपराधियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत फर्जी BSA बनाकर साइबर ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है। अभियुक्त द्वारा स्वयं को आजमगढ़ का बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) बताकर ईसीसीई शिक्षक पद पर चयन, नियुक्ति पत्र दिलाने के नाम पर अभ्यर्थियों से ठगी की जा रही थी। अभियुक्त द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) के नाम से फर्जी ई-मेल आईडी बनाकर तथा व्हाट्सएप एवं ट्रूकॉलर पर BSA के नाम व फोटो का दुरुपयोग कर अभ्यर्थियों को विश्वास में लिया जाता था और जनसेवा केंद्रों के क्यूआर कोड के माध्यम से 10,000/- से 40,000/- तक की धनराशि मंगाई जाती थी। धनराशि प्राप्त होने के पश्चात अभियुक्त द्वारा पीड़ितों के मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिए जाते थे। इस मामले में पीड़ित दिनेश विश्वकर्मा की तहरीर पर साइबर थाने पर मुकदमा दर्ज हुआ था। झांसा देकर करता था ठगी इस मामले का खुलासा करते हुए जिले के सभी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि साइबर क्राइम थाना पुलिस द्वारा मुकदमा उपरोक्त से सम्बन्धित अभियुक्त राम सिंह प्रयागराज के हंडिया का रहने वाला है। बरामद मोबाइलों के विश्लेषण में फर्जी ई-मेल, व्हाट्सएप प्रोफाइल, ईसीसीई शिक्षक अभ्यर्थियों की सूची, टेलीग्राम ग्रुप के स्क्रीनशॉट व अन्य डिजिटल साक्ष्य पाए गए। गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा योजनाबद्ध तरीके से स्वयं को बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) बताकर ईसीसीई शिक्षक पद पर नियुक्ति दिलाने के नाम पर ठगी की जाती थी, जिसके प्रमुख बिंदु निम्नवत है। अभियुक्त एक टेलीग्राम ग्रुप MANOJ SINGH PRAYAGRAJ से जुड़ा हुआ था, जिसमें शिक्षा विभाग से संबंधित समाचार एवं विभिन्न भर्तियों के परिणाम/अभ्यर्थियों की सूची प्रसारित की जाती थी। सूची में अभ्यर्थियों का नाम, पता, मोबाइल नंबर एवं ई-मेल आईडी अंकित रहती थी। अभियुक्त द्वारा uttarpradeshbsaofficeazamgarh@gmail.com नामक फर्जी ई-मेल आईडी बनाई गई तथा व्हाट्सएप प्रोफाइल फोटो में अधिकारी जैसे दिखने वाले व्यक्ति की फोटो एवं कवर फोटो में बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय आजमगढ़ के मुख्य गेट की फोटो लगाई गई। ट्रूकॉलर पर भी स्वयं का नाम बेसिक शिक्षा अधिकारी आजमगढ़ दर्शाया गया। उक्त फर्जी ई-मेल आईडी से अभ्यर्थियों को ईसीसीई शिक्षक पद पर चयन होने का झांसा देते हुए 40,000/- की धरोहर राशि जमा करने हेतु मेल भेजा जाता था। संदेह न हो, इसके लिए आधार कार्ड, फोटो एवं नियुक्ति हेतु 3 विद्यालयों के विकल्प भी मांगे जाते थे। अभियुक्त द्वारा अभ्यर्थियों को कॉल कर ई-मेल के संबंध में जानकारी दी जाती थी तथा व्हाट्सएप पर ई-मेल का स्क्रीनशॉट भेजकर विभिन्न जनसेवा केंद्रों के क्यूआर कोड उपलब्ध कराते हुए धनराशि की मांग की जाती थी। इसके बाद आरोपी मोबाइल नंबर ब्लॉक कर देता था। आरोपी को न्यायालय भेजा जा रहा है जहां से जेल रवाना किया जाएगा।
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