बलरामपुर में मदरसा शिक्षा व्यवस्था से संबंधित एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। तुलसीपुर थाना क्षेत्र के मदरसा जामिया अरबिया अनवारुल उलूम में सहायक अध्यापक की फर्जी नियुक्ति कर सरकारी धन का गबन किया गया। पुलिस ने इस मामले में एक वांछित आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है। इस फर्जीवाड़े का खुलासा 24 दिसंबर 2025 को हुआ, जब जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी यशवंत कुमार मौर्य ने तुलसीपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में आरोप लगाया गया कि मदरसे में धोखाधड़ी से फर्जी दस्तावेज तैयार कर सहायक अध्यापक की नियुक्ति दर्शाई गई। मासिक वेतन बिल प्रस्तुत प्रधानाचार्य और लिपिक की मिलीभगत से उपस्थिति रजिस्टर को प्रमाणित कर लगातार फर्जी मासिक वेतन बिल प्रस्तुत किए गए, जिससे सरकारी धन का गबन हुआ। शिकायत के आधार पर तुलसीपुर थाने में संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के निर्देश पर प्रभारी निरीक्षक राजकुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। टीम ने 26 दिसंबर 2025 को आरोपी मो. अहमद अंसारी को गिरफ्तार किया। वह ग्राम शेखपुर, थाना को0 देहात, जनपद बलरामपुर का निवासी है। पूछताछ के दौरान आरोपी ने कई अहम खुलासे किए। उसने बताया कि उसके नाम से एक नियुक्ति प्रमाण पत्र जारी हुआ था, जबकि उसने स्वयं कोई आवेदन नहीं किया था। अप्रैल 2025 में मदरसे के लिपिक ने उसकी ज्वाइनिंग करा दी थी। हालांकि, उसने कभी मदरसे में पढ़ाया नहीं और न ही उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर किए। धन के दुरुपयोग पर सवाल इसके बावजूद, सितंबर 2025 तक उसके खाते में नियमित रूप से वेतन आता रहा। बाद में उसने इस्तीफा दे दिया था। पुलिस ने बताया कि इस मामले में अन्य संलिप्त व्यक्तियों की भूमिका की भी गहन जांच की जा रही है। इस घटना ने शिक्षा संस्थानों में फर्जी नियुक्तियों और सरकारी धन के दुरुपयोग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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