जालौन के उरई कोतवाली क्षेत्र स्थित सिंचाई विभाग की कॉलोनी में गुरुवार देर रात उस समय सनसनी फैल गई, जब सिंचाई विभाग में रनर के पद पर तैनात वीरेंद्र गौतम उर्फ मुन्ना (42) का शव उनके घर के बाहर संदिग्ध परिस्थितियों में खून से लथपथ पड़ा मिला। सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मूल रूप से कुकरगांव निवासी वीरेंद्र गौतम पिछले करीब 15 वर्षों से सिंचाई विभाग में रनर के पद पर कार्यरत थे और परिवार के साथ सिंचाई कॉलोनी में रहते थे। परिजनों के मुताबिक, गुरुवार शाम करीब 7 बजे कुछ अज्ञात लोग उन्हें गंभीर रूप से घायल अवस्था में घर के बाहर छोड़कर चले गए। पत्नी लता की नजर जब वीरेंद्र पर पड़ी तो उनके शरीर से खून बह रहा था। घबराए परिजन आनन-फानन में उन्हें मेडिकल कॉलेज उरई लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक के बेटे अनंत, जो नोएडा में कार्यरत हैं, मौके पर पहुंचे और अज्ञात लोगों पर पिता की हत्या का आरोप लगाया। उनका कहना है कि वीरेंद्र के शरीर पर कई चोटों के निशान थे, जिससे साफ प्रतीत होता है कि उनके साथ बेरहमी से मारपीट की गई। वीरेंद्र अपने पीछे तीन बेटियां और एक बेटा छोड़ गए हैं। घटना की जानकारी मिलते ही उरई कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य जुटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। सीओ सिटी अर्चना सिंह ने बताया कि देर रात परिजनों की सूचना पर पुलिस सक्रिय हुई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वीरेंद्र को घायल अवस्था में घर के बाहर कौन छोड़कर गया। सीओ सिटी ने यह भी बताया कि मृतक की पत्नी के अनुसार वीरेंद्र शराब पीने के आदी थे और पूर्व में भी कई बार पड़ोसी उन्हें नशे की हालत में घर तक छोड़ जाते थे। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की गहन जांच कर रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति पूरी तरह साफ होने की बात कही जा रही है।
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