खगड़िया जिले के गोगरी प्रखंड क्षेत्रों में सर्दियों की शुरुआत के साथ ही बाजारों में तिलकुट की मांग बढ़ गई है। मकर संक्रांति के त्योहार को देखते हुए गोगरी जमालपुर बाजार में दर्जनों से अधिक तिलकुट की दुकानें सज गई हैं और इनका निर्माण कार्य जोरों पर है। यह तिलकुट न केवल स्थानीय स्तर पर बेचे जा रहे हैं, बल्कि दूर-दराज के बाजारों तक भी इनकी आपूर्ति की जा रही है। गोगरी जमालपुर बाजार में नवंबर से फरवरी के अंत तक तिलकुट बनाने और बेचने का मुख्य सीजन रहता है। एक तिलकुट दुकान के संचालक सोनू कुमार ने बताया कि उनकी दुकान पिछले पांच वर्षों से चल रही है। वर्तमान में रोजाना 30 किलो गुड़ और 25 किलो चीनी का तिलकुट तैयार किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए वर्ष से उत्पादन में और तेजी आएगी। सोनू कुमार के अनुसार, अधिकांश ग्राहक गुड़ वाले तिलकुट को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि इसे चीनी वाले की तुलना में स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद माना जाता है। फिलहाल, गुड़ और चीनी वाले तिलकुट की कीमत ₹300 प्रति किलो है, जबकि खोया भरा विशेष तिलकुट ₹400 प्रति किलो तक बिक रहा है। बिहार के गया जी से आए कारीगर सूरज शर्मा ने बताया कि तिलकुट के शौकीन ग्राहक अभी से ही इसका लुत्फ उठा रहे हैं। कारीगर दिन-रात मेहनत कर इस पारंपरिक मिठाई को तैयार कर रहे हैं, जिससे पूरे गोगरी जमालपुर बाजार में त्योहारी माहौल बन गया है।
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