जौनपुर के लोहिया पार्क में सकल हिंदू समाज द्वारा एक सम्मेलन आयोजित किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय, सामाजिक और सांस्कृतिक विषयों पर हिंदू समाज को जागरूक करना तथा उन्हें एकता के सूत्र में पिरोना था। अयोध्या से आए वैदेही वल्लभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने अपने संबोधन में राम मंदिर निर्माण को हिंदू समाज के आत्मसम्मान, आस्था और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक बताया। वल्लभ ने कहा कि राम मंदिर केवल एक धार्मिक संरचना नहीं, बल्कि राष्ट्र की सांस्कृतिक चेतना का केंद्र है, जिसने सदियों के संघर्ष के बाद हिंदुओं को गौरव की अनुभूति कराई है। सम्मेलन के मुख्य वक्ता काशी प्रांत के प्रांत प्रचारक रमेश थे। उन्होंने हिंदुओं की एकता और संगठित समाज के प्रभाव से आए बदलावों पर प्रकाश डाला। रमेश ने धारा 370 की समाप्ति को राष्ट्र की अखंडता और सुरक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय केवल संवैधानिक सुधार नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने वाला साहसिक कार्य है। रमेश ने हिंदू समाज से राष्ट्रहित में संगठित रहकर सकारात्मक भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने शताब्दी वर्ष में ‘पंच परिवर्तन’ पर विस्तार से चर्चा की। इन परिवर्तनों में सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण, नागरिक कर्तव्य और स्वदेशी का जागरण शामिल हैं। कार्यक्रम में संयोजक अरुण बबिता सिंह (अध्यक्ष) और छाबू लाल सोनकर सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपने विचार रखे। वक्ताओं ने बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचारों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने इस संदर्भ में कहा, “हिन्दवः सहोदरा सर्वे न हिन्दू पतितो भवेत्, मम दीक्षा हिंदू रक्षा मम मंत्र समानता।”
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