लखीमपुर खीरी के नीमगांव थाना क्षेत्र में एक प्रधानाध्यापक पर फायरिंग के आरोप के मामले में पुलिस और शिक्षा विभाग के अभिलेखों में गंभीर विरोधाभास सामने आया है। संविलियन विद्यालय मूड़ा बुजुर्ग के इंचार्ज प्रधानाध्यापक दुर्गेश कुमार पर पान-पुड़िया दुकानदार पर फायरिंग का आरोप है। पुलिस के अनुसार, आरोपी शिक्षक दुर्गेश कुमार को 20 दिसंबर को दोपहर करीब 12 बजे लाइसेंसी राइफल के साथ गिरफ्तार कर हिरासत में लिया गया था। इसके विपरीत, विद्यालय की उपस्थिति पंजिका में उसी दिन सुबह 8:45 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक उनकी हाजिरी दर्ज है। यदि पुलिस का दावा सही है, तो हिरासत में रहते हुए शिक्षक का विद्यालय में उपस्थित होना और रजिस्टर में हस्ताक्षर करना संदेह के घेरे में आता है। बताया गया कि 20 दिसंबर की सुबह करीब 11:35 बजे इंचार्ज प्रधानाध्यापक दुर्गेश कुमार अपनी लाइसेंसी राइफल लेकर विद्यालय जा रहे थे। साधन सहकारी समिति नीमगांव के पास स्थित एक परचून दुकान पर बैठे राधेश्याम से उनकी कहासुनी हो गई, जिसके बाद शिक्षक ने राइफल से फायर कर दिया। हालांकि, राधेश्याम बाल-बाल बच गए। पुलिस ने बताया कि आरोपी को विद्यालय के पास स्थित एक दुकान से गिरफ्तार किया गया था। अगले दिन, रविवार को, उन्हें शांति भंग की कार्रवाई के तहत एसडीएम के समक्ष पेश किया गया। मामले के तूल पकड़ने के बाद, खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) बेहजम ने 22 दिसंबर को आदेश जारी कर विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक और स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगा। आदेश में यह स्पष्ट किया गया कि आरोपी शिक्षक 20 दिसंबर को विद्यालय में उपस्थित नहीं था, लेकिन उपस्थिति रजिस्टर में हाजिरी दर्ज होने से शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। मामले के शिकायतकर्ता और ग्राम पंचायत नीमगांव निवासी विपिन कुमार ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि शिक्षक शराब के नशे में लाइसेंसी राइफल लेकर विद्यालय में बच्चों के बीच आता था, जिससे छात्र भयभीत रहते थे।
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