गाजीपुर में अवैध वसूली के गंभीर मामले में पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। कासिमाबाद क्षेत्र में वाहनों से स्टीकर के नाम पर अवैध वसूली के आरोप में प्रभारी निरीक्षक कासिमाबाद सहित तीन पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक गाजीपुर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तीनों के विरुद्ध विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रभारी निरीक्षक नंदकुमार तिवारी पर आरोप है कि उनके कार्यक्षेत्र में तैनात आरक्षी चालक आशीष सिंह, थाना कासिमाबाद के मुंशी विनय सिंह और होमगार्ड सर्वेश यादव के सहयोग से धीरज गिरि द्वारा 16 दिसंबर को दोपहर 2 बजे से शाम 4:30 बजे के बीच कासिमाबाद और बलिया जनपद के रसड़ा क्षेत्र में सड़कों पर आने-जाने वाले वाहनों को रोका गया। इन वाहनों पर स्टीकर लगाकर प्रति वाहन 200 रुपये की वसूली की जाती थी। जांच में हुआ खुलासा आरोप है कि प्रतिदिन लगभग 14 से 15 हजार रुपए की अवैध वसूली की जा रही थी। जांच में यह भी सामने आया है कि आरक्षी चालक आशीष सिंह द्वारा उपलब्ध कराए गए क्यूआर कोड पर 4000 रुपए की ऑनलाइन राशि भी ट्रांसफर की गई थी। इस पूरी अवैध गतिविधि के दौरान संबंधित पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद रहते थे और उन्होंने गलत तरीके से धन लाभ लिया। प्रभारी निरीक्षक नंदकुमार तिवारी पर अपने अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण न रखने और पर्यवेक्षणीय दायित्वों में लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया गया है। इन गंभीर आरोपों के आधार पर, पुलिस अधीक्षक गाजीपुर ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दंड एवं अपील) नियमावली-1991 के नियम 17(1)(क) के तहत निरीक्षक नंदकुमार तिवारी, आरक्षी चालक आशीष सिंह और आरक्षी विनय सिंह को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में तीनों को पुलिस लाइन गाजीपुर से संबद्ध किया गया है और उन्हें बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने पर रोक लगाई गई है। नियमानुसार, उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा। पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया है कि मामले की निष्पक्ष विभागीय जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
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