अंबेडकरनगर जिले में धान खरीद शुरू हुए लगभग डेढ़ महीने से अधिक समय बीत चुका है। इस अवधि में कुल लक्ष्य का 39 प्रतिशत धान खरीदा जा चुका है, लेकिन खरीद केंद्रों से धान का उठान समय पर न होने के कारण बड़ी मात्रा में खरीदा गया धान खुले मैदानों में डंप पड़ा है। इससे किसानों और केंद्र प्रभारियों दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को धान बेचने में सुविधा हो और उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सके, इसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना के तहत जिले में 115 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों पर 1 नवंबर से धान की खरीद शुरू हुई थी। इस बार शासन ने जिले के लिए 1,58,000 मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। 23 दिसंबर तक के आंकड़ों के अनुसार, जिले में 13,369 किसानों से कुल 60,952 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। यह कुल लक्ष्य का लगभग 39 प्रतिशत है। राहत की बात यह है कि खरीदे गए धान के लिए 94 प्रतिशत किसानों को भुगतान भी कर दिया गया है, जिससे किसानों को आर्थिक रूप से राहत मिली है। हालांकि खरीद के बाद धान के उठान की धीमी गति एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। नवीन सब्जी मंडी, अकबरपुर परिसर में स्थित क्रय केंद्र का नजारा इस समस्या को स्पष्ट करता है। यहां परिसर के भीतर धान से भरी बोरियों के ढेर खुले आसमान के नीचे रखे हुए हैं, जिससे बारिश या नमी से खराब होने का खतरा बना हुआ है। पूरे परिसर में धान से लदी ट्रॉलियां भी अपनी बारी का इंतजार करती नजर आ रही हैं, जिससे किसानों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है। समय पर उठान न होने से न केवल क्रय केंद्रों पर जगह की कमी हो रही है, बल्कि खुले में पड़े धान की सुरक्षा और गुणवत्ता बनाए रखना भी मुश्किल हो रहा है। अधिकारियों को इस समस्या पर तत्काल ध्यान देने और उठान प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता है ताकि किसानों की मेहनत और सरकारी खरीद योजना का उद्देश्य सफल हो सके।
https://ift.tt/8igyL0o
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply