देश की राजधानी दिल्ली में बड़े लोन दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के मुख्य आरोपी और उसके दो साथियों को दिल्ली से आई केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की टीम ने बांका के रजौन थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई गुरुवार की शाम एक होटल में की गई, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। गिरफ्तारी के बाद सीबीआई की टीम तीनों आरोपियों को अपने साथ दिल्ली लेकर रवाना हो गई। गिरफ्तार मुख्य आरोपी की पहचान अमित कुमार सिंह उर्फ राकेश कुमार के रूप में हुई है, जो भागलपुर जिले के नवगछिया थाना क्षेत्र अंतर्गत नया टोला का रहने वाला बताया जा रहा है। आरोपी के खिलाफ वर्ष 2015 में दिल्ली में सीबीआई ने एक गंभीर ठगी का मामला दर्ज किया था। केस दर्ज होने के बाद से ही वह फरार चल रहा था और गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा। 10 साल से फरार था मुख्य आरोपी सीबीआई सूत्रों के अनुसार, अमित कुमार सिंह उर्फ राकेश कुमार के खिलाफ 23 जनवरी 2015 को दिल्ली में मामला दर्ज हुआ था। उस पर आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर खुद को आरबीआई, सीबीआई और ब्रिटिश पुलिस फोर्स का अधिकारी बताकर ई-मेल के माध्यम से एक व्यक्ति को करोड़ों रुपये का लोन दिलाने का झांसा दिया था। लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी को पकड़ने के लिए सीबीआई की टीम लगातार छापेमारी कर रही थी, लेकिन वह हर बार बच निकलता रहा। आखिरकार गुप्त सूचना के आधार पर सीबीआई को सफलता हाथ लगी। जानकारी मिली कि आरोपी पिछले दो दिनों से बांका जिले के रजौन बाजार स्थित एक होटल में ठहरा हुआ है। इसके बाद दिल्ली से सीबीआई की विशेष टीम रजौन पहुंची और स्थानीय पुलिस के सहयोग से होटल में छापेमारी की गई। होटल में छापेमारी, दो अन्य साथी भी गिरफ्तार छापेमारी के दौरान सीबीआई टीम ने मुख्य आरोपी अमित कुमार सिंह के साथ उसके दो अन्य साथियों को भी हिरासत में लिया। हालांकि, सीबीआई की ओर से उनके नामों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। छापेमारी अभियान में रजौन थानाध्यक्ष चंद्रदीप कुमार, अपर थानाध्यक्ष रवि कुमार और सब इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह सहित स्थानीय पुलिस बल भी मौजूद रहा। गिरफ्तारी की खबर फैलते ही होटल और आसपास के इलाके में लोगों की भीड़ जुट गई। लोग यह जानने को उत्सुक दिखे कि आखिर किस बड़े मामले में यह कार्रवाई की गई है। 43 करोड़ के लोन का झांसा, लाखों की ठगी मामले की जांच में सामने आया है कि केरल के त्रिवेंद्रम निवासी आइवी सदानंदन को इस गिरोह ने अपना शिकार बनाया था। आरोप है कि अमित कुमार सिंह उर्फ राकेश कुमार, सैयद मेराज और उनके अन्य सहयोगियों ने खुद को देश-विदेश की बड़ी जांच एजेंसियों और बैंकिंग संस्थानों का अधिकारी बताकर पीड़ित से संपर्क किया। ई-मेल के माध्यम से इन लोगों ने 43 करोड़ रुपये का लोन दिलाने का झांसा दिया। इसके बदले में प्रोसेसिंग फीस और अन्य खर्चों के नाम पर पीड़ित से करीब 3 लाख 46 हजार रुपये की ठगी कर ली गई। लोन नहीं मिलने पर जब पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ, तो उसने मामले की शिकायत की, जिसके बाद सीबीआई ने केस दर्ज किया था। न्यायालय ने किया था भगोड़ा घोषित सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में आरोपी के लगातार फरार रहने और न्यायालय में उपस्थित नहीं होने के कारण ACMM RADC कोर्ट, नई दिल्ली ने अमित कुमार सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया था। इसके बाद से सीबीआई ने उसकी तलाश और तेज कर दी थी। तकनीकी सर्विलांस और गुप्त सूचनाओं के आधार पर आखिरकार 25 दिसंबर 2025 को उसे गिरफ्तार करने में सफलता मिली। एसपी ने की गिरफ्तारी की पुष्टि बांका के पुलिस अधीक्षक उपेंद्रनाथ वर्मा ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि दिल्ली से आई सीबीआई टीम ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से कार्रवाई की है। वहीं, सीबीआई टीम ने इस मामले में विस्तृत जानकारी देने से फिलहाल इनकार किया है और कहा है कि आगे की पूछताछ दिल्ली में की जाएगी। पूछताछ में और खुलासों की उम्मीद सीबीआई सूत्रों का मानना है कि पूछताछ के दौरान इस गिरोह से जुड़े कई और नामों का खुलासा हो सकता है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि इस ठगी नेटवर्क के तार देश के अन्य हिस्सों से भी जुड़े हो सकते हैं। फिलहाल, सीबीआई की टीम आरोपियों को दिल्ली ले जाकर आगे की कानूनी कार्रवाई और गहन पूछताछ में जुटेगी। इस कार्रवाई के बाद इलाके में यह चर्चा जोरों पर है कि वर्षों से फरार चल रहा एक शातिर ठग आखिरकार कानून के शिकंजे में आ गया।
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