DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

गुरुग्राम में नाबालिग रेप पीड़िता के बच्चे पर कंट्रोवर्सी:अस्पताल संचालक बोले-चाइल्ड ट्रैफिकिंग हो सकती थी; लेडी पार्टनर के शामिल होने का शक जताया

हरियाणा के गुरुग्राम में नाबालिग रेप पीड़िता के बच्चे को बिना रिकॉर्ड एसएस अस्पताल में भर्ती करवाने को लेकर कन्ट्रोवर्सी पैदा हो गई है। अस्पताल के संचालक डॉ. श्याम सिंह ने बच्चे की ट्रैफिकिंग का शक जताते हुए पुलिस में कंप्लेंट दी है। उनका आरोप है कि रेप के बाद जन्मे इस बच्चे को या तो अवैध तरीके से गोद दिया जाना था या फिर बेचा जाना था। खास बात ये है कि डॉ. श्याम सिंह ने इस आरोप में अस्पताल में अपनी पार्टनर लेडी डॉक्टर के भी शामिल होने का शक जताया है। उन्होंने कहा कि बच्चे के साथ न तो कोई अटेंडेंट था और न ही कोई रिकॉर्ड मेंटेन किया गया। उसकी पार्टनर का पति पुलिस में है और उसी की गाड़ी में इस बच्चे को अस्पताल भिजवाया गया था। इसलिए पुलिस इस मामले को दबाने की बजाय डिप इंट्रोगेशन करें। डॉक्टर श्याम सिंह के आरोपी यहीं नहीं थमे। उनका कहना है कि जब उन्होंने अपने स्टाफ से पूछा तो बताया गया कि उनकी पार्टनर ने इस बच्चे का कोई रिकार्ड नहीं रखने को कहा था। साथ ही ये भी निर्देश दिए थे कि बच्चे को रात को सिर्फ दूध ही पिलाना है। नवजात को अस्पताल में भर्ती करवाने की भी कोई इन्फॉर्मेशन नहीं दी गई। फिलहाल, डॉक्टर के आरोपों पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अस्पताल में भर्ती प्रक्रिया की अनियमितता, स्टाफ की भूमिका और डॉक्टर की पार्टनर के खिलाफ लगाए आरोपों की भी पड़ताल की जा रही है। 23 दिसंबर को 15 साल की नाबालिग ने दिया था बच्चे को जन्म
यह बच्चा एक 15 साल की नाबालिग रेप पीड़ित लड़की का है। उसके साथ राजेश नाम के शख्स ने कई बार धमकी देकर संबंध बनाएं थे। मंगलवार को प्रसव पीड़ा होने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां उसने 23 दिसंबर को बच्चे को जन्म दिया। बच्चे जन्म के बाद पुलिस ने सेक्टर 10-ए थाने में केस दर्ज करके आरोपी को अरेस्ट किया गया था। इसके बाद मंगलवार यानि 24 दिसंबर को इस बच्चे को एसएस अस्पताल में भर्ती कराया। बच्चे को आशा वर्कर और डॉक्टर श्याम सिंह की पार्टनर लेकर पहुंची थीं। आरोप है कि उन्होंने बिना रिकॉर्ड के बच्चे को भर्ती कराया था। अब जानिए डॉ. श्याम सिंह की शक की पांच वजहें… यहां जानिए पुलिस ने क्या तर्क दिए… बच्चे को था पीलिया, इसलिए एसएस अस्पताल भेजा: पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बच्चे को पीलिया हो गया था, इसलिए इलाज के लिए आशा वर्कर के माध्यम से उसे बसई चौक स्थित एसएस अस्पताल में भर्ती करवाया। इस बार में एसएस अस्पताल की लेडी डॉक्टर से बात की गई थी। उनकी देखरेख में ही बच्चे को वहां भेजा गया था। रेप पीड़िता का मामला होने से पहचान छिपाना जरूरी: पुलिस अधिकारियों का यह भी तर्क है कि अभी तक की जांच में सामने आया है कि यह बच्चा 15 साल की नाबालिग रेप पीड़िता का है। इसलिए पहचान छिपाने के लिए इसे गुपचुप तरीके से अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इस तरह के मामले मामले में गोपनीयता बरती जाती है। परिजनों को बच्चे की कस्टडी दी : इस बारे में सेक्टर 9 थाना प्रभारी सुनील ने बताया कि डॉक्टर की शिकायत पर जांच की गई तो यह लड़का रेप पीड़ित का मिला। उनकी जानकारी में यह मामला है और परिजनों को बच्चे की कस्टडी दे दी है। इस बच्चे को पीलिया था, जिसको इलाज के लिए निजी अस्पताल लाया गया था। सभी एंगल से जांच कर रही पुलिस
उन्होंने बताया कि पुलिस इस मामले में सभी पहलुओं की गहन जांच जारी रखी है। अस्पताल में भर्ती प्रक्रिया की अनियमितता, स्टाफ की भूमिका और डॉक्टर की पार्टनर के खिलाफ लगाए आरोपों की भी पड़ताल की जा रही है। यदि कोई लापरवाही या नियम उल्लंघन पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। ————- ये खबर भी पढ़ें… गुरुग्राम अस्पताल में बिना अनुमति नवजात भर्ती:डॉक्टर ने बच्चों की तस्करी की आशंका में बुलाई पुलिस, जांच में रेप पीड़िता का बच्चा निकला गुरुग्राम में बसई चौक स्थित एसएस अस्पताल में एक नवजात शिशु को बिना मुख्य डॉक्टर की जानकारी के भर्ती करवाने का मामला सामने आने से हड़कंप मच गया। अस्पताल संचालक डॉ. श्याम सिंह को जब इसकी भनक लगी तो उन्होंने तुरंत बच्चों की तस्करी का शक जताते हुए सेक्टर-9 थाना पुलिस को सूचना दी। (पूरी खबर पढ़ें)


https://ift.tt/hOLclaY

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *