पटना जिले के मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत कक्षा-1 में नामांकन की प्रक्रिया 2 जनवरी से शुरू होगी। जिला शिक्षा कार्यालय ने साफ किया है कि फॉर्म भरते समय बच्चे का आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा। हालांकि, स्कूल में प्रवेश के तीन महीने के भीतर बच्चे और माता-पिता का आधार कार्ड जमा करना जरूरी होगा, जिसे स्कूल प्रधानाध्यापक ज्ञानदीप पोर्टल पर अपलोड करेंगे। अनाथ बच्चों के लिए आधार कार्ड की जरूरत नहीं होगी, उनके लिए संस्थान की ओर से अंडरटेकिंग प्रमाण-पत्र मान्य होगा। अलाभकारी समूह के तहत एससी-एसटी, ओबीसी, ट्रांसजेंडर सहित अल्पसंख्यक समूह के बच्चों के माता-पिता का वार्षिक आय एक लाख रुपए तक हो तो आवेदन कर सकते हैं। वहीं कमजोर वर्ग के तहत सभी जातियों या समुदाय के बच्चे, जिनके माता-पिता का वार्षिक आय दो लाख रुपए से कम है, वे भी आवेदन कर सकते हैं। वहीं बच्चे की आयु सीमा एक अप्रैल 2026 तक छह वर्ष होनी चाहिए। 31 दिसंबर तक स्कूल देंगे सीटों का ब्योरा…जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के अनुसार, सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को 31 दिसंबर तक कक्षा-1 की निर्धारित सीटों की संख्या ज्ञानदीप पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। इन सीटों में से 25% सीटें आरटीई के तहत कमजोर वर्ग और अलाभकारी समूह के बच्चों के लिए आरक्षित रहेंगी। सीटों का ब्योरा नहीं देने वाले स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 10-10 बच्चों का नामांकन होगा जिले के निजी स्कूलों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के अलाभकारी समूह और कमजोर वर्ग के 10-10 बच्चों का कक्षा एक में नामांकन लेन होगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी साकेत रंजन ने निजी स्कूलों से कहा कि आरटीई के तहत स्कूल में निर्धारित सीट के तहत 25 प्रतिशत सीटों पर अलाभकारी समूह और कमजोर वर्ग के बच्चों का नामांकन लेना है, लेकिन विभागीय निर्देश के अनुसार अब इसमें कम से कम प्रत्येक स्कूल को अपने पोषक क्षेत्र के 10-10 बच्चों का नामांकन लेना अनिवार्य है। ज्ञानदीप पोर्टल पर आरटीई के तहत आवेदन करने की अंतिम तारीख 25 जनवरी है। पटना में 1129 निजी स्कूल पंजीकृत जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार, जिले में 1129 निजी स्कूल पंजीकृत हैं। इनमें मात्र 289 स्कूलों ने ही अपने निर्धारित सीटों का ज्ञानदीप पोर्टल पर डिटेल भरा है। अगर जिले में स्थित 1129 पंजीकृत निजी स्कूल 10-10 बच्चों का नामांकन लेते हैं तो 11,290 अलाभकारी समूह और कमजोर वर्ग के बच्चों का कल्याण हो जाएगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी निजी स्कूलों के संचालक से कहा कि यदि वे 10-10 बच्चों का नामांकन नहीं लेते हैं तो पंजीयन रद किया जा सकता है। ये दस्तावेज जरूरी जन्म प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, (अनाथ बच्चों का अनिवार्य नहीं) आय प्रमाण-पत्र (अनाथ बच्चों पर लागू नहीं), निवास प्रमाण-पत्र प्रवेश को तीन महीने के अंदर विद्यालय के माध्यम से पोर्टल पर अपलोड करना होगा। आवेदन करते समय माता-पिता का मोबाइल नंबर और बच्चे की रंगीन तस्वीर देनी होगी। आवेदन करते समय प्रखंड में स्थित नजदीकी पांच विद्यालय का विकल्प देना होगा। इसमें स्कूल से घर की दूरी का जिक्र करना होगा, क्योंकि एक से तीन किलोमीटर की दूरी वाले बच्चे की प्रथम प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद तीन से छह किलोमीटर के बीच के बच्चों को प्राथमिकता मिलेगी। अगर सीट उपलब्ध रहता है तो अन्य बच्चों की प्राथमिकता दी जाएगी। सीटों का आंवटन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। विकलांग बच्चों के लिए पांच प्रतिशत प्रतिशत सीट आरक्षित रहेगी।
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