मेरठ में कूटरचित दस्तावेजों के जरिए लाखों रुपये का गबन करने वाले पीएसी छठी बटालियन में तैनात दरोगा व कांस्टेबल को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस शुक्रवार को दोनों को न्यायालय के समक्ष पेश करेगी। कुछ समय पहले ही इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। एक नजर डालते हैं मामले पर मेरठ की रुड़की रोड स्थित छठी वाहिनी पीएसी में कुछ समय पहले गबन से जुड़ा मामला प्रकाश में आया। आरोप पीएसी में तैनात दरोगा और एक कांस्टेबल पर लगे थे। उन पर लगे आरोपों की जांच कराई गई तो वह सही पाए गए। इसके बाद पीएसी में तैनात शिविरपाल आशीष तिवारी की तहरीर पर पल्लवपुरम थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। गुरुवार को दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। कूट रचित दस्तावेजों से कराया भुगतान इंस्पेक्टर पल्लवपुरम रमेश चंद शर्मा ने बताया कि पीएसी के अधिकारियों को काफी समय से गड़बड़ी की शिकायत मिल रही थी। गोपनीय तरीके से जांच शुरु करा दी गई, जिसमें पीएसी में ही तैनात उप निरीक्षक लेखा मुकेश कुमार पुत्र स्व. झब्बा सिंह यादव निवासी ग्राम डोलचा थाना बालैनी जिला बागपत और आरक्षी आशीष कुमार पुत्र जसवीर सिंह निवासी ग्राम व पोस्ट पिण्डोरा थापा झिंझाना जनपद शामली के नाम सामने आए। फर्जी दस्तावेज तैयार कर दिखाया भुगतान उप निरीक्षक लेखा मुकेश कुमार और आरक्षी आशीष पर आरोप है कि उन्होंने आपस में षड्यंत्र रचकर फर्जी दस्तावेज बनाते हुए करीब 10,96,500 रुपये का भुगतान कराया। एसएसपी डा. विपिन ताडा तक मामला पहुंचा तो उन्होंने गोपनीय जांच शुरु करा दी, जिसमें दोनों पर लगे आरोपों की पुष्टि हो गई। गुरुवार को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों को कोर्ट में किया गया पेश एसएसपी डा. विपिन ताडा का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। थाना पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरु कर दी है।
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