सहारनपुर के दिल्ली रोड स्थित वी ब्रोस अस्पताल प्रबंधन ने बुधवार प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई आरोप लगाए। प्रबंधन ने बताया कि उन्हें करीब एक करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है, जबकि अस्पताल परिसर से डेढ़ से दो करोड़ रुपये के मॉडर्न मेडिकल उपकरण चोरी हो गए हैं। इसके अलावा, अस्पताल के मूल दस्तावेज भी गायब हैं। अस्पताल प्रबंधन ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य आम जनता को बेहतर और सुलभ इलाज उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि जनता की सुविधा के लिए विशेष छूट की व्यवस्था की गई है, जिसमें किसानों को इलाज में 50 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। ओपीडी शुल्क मात्र 100 रुपये रखा गया है, और यही सुविधा मीडिया कर्मियों व जरूरतमंदों के लिए भी लागू है। प्रबंधन ने खुलासा किया कि चोरी हुए उपकरणों में कैथ लैब का पूरा सिस्टम भी शामिल है, जिसकी कीमत लगभग चार करोड़ रुपए बताई गई है। इसमें छेड़छाड़ कर बदलाव किया गया है। प्रबंधन ने आशंका जताई कि इस पूरे मामले में बड़ी आर्थिक अनियमितता हुई है। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि उनके पास फिलहाल कोई मूल दस्तावेज नहीं हैं,क्योंकि पूर्व में अस्पताल का संचालन कर रहे प्रबंधन के लोग सभी जरूरी कागजात चोरी कर फरार हो गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके पास कोई अवैध या गलत दस्तावेज नहीं है। प्रबंधन ने मीडिया के माध्यम से प्रशासन से अपील की है कि चोरी हुए दस्तावेजों को जल्द से जल्द बरामद किया जाए,ताकि सच्चाई सामने आ सके और उन्हें क्लीन चिट मिल सके। प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया गया कि अस्पताल को दोबारा पूरी तरह शुरू करने के लिए प्रशासनिक अनुमति का इंतजार किया जा रहा है।आयुष्मान भारत योजना को लेकर भी कोई भी निर्णय प्रशासन के स्तर से ही लिया जाएगा। अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि वे हर स्तर पर सहयोग के लिए तैयार हैं और उन्हें प्रशासन से पूरा सहयोग मिल रहा है। उन्होंने मीडिया से अपील की गई कि किसी भी घटना की सच्चाई जनता के सामने लाने में वे उनका साथ दें, ताकि अस्पताल जल्द से जल्द सामान्य रूप से जनता की सेवा शुरू कर सके।
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