मेरठ में 4 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हुए यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह को न्यायालय ने जेल भेज दिया है। गुरुवार को एंटी करप्शन टीम ने इंस्पेक्टर को स्पेशल सीजेएम कोर्ट में रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। रिमांड मजिस्ट्रेट ने सुनवाई करते हुए इंस्पेक्टर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का फरमान सुना दिया। इस दौरान पूरा समय इंस्पेक्टर गले में पड़े मफलर के जरिए खुद का चेहरा छिपाते दिखाई दिए। सरकारी जीप से ना लाकर उन्हें प्राइवेट गाड़ी से यहां लाया गया था। अब जानिए पूरा मामला…. बागपत के थाना खेकड़ा अंतर्गत स्थित ग्राम गोठरा निवासी लोकेश ने चार दिन पहले मेरठ एंटी करप्शन टीम से लिखित शिकायत की कि हापुड़ क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह उनसे चार लाख रुपये की रिश्वत मांग कर रहे हैं। उनके परिवार का एक मुकदमा चल रहा है, जिसकी विवेचना महेंद्र सिंह के पास है। 2.5 लाख रुपये अभी तक दे चुके हैं और अब उन पर चार लाख रुपये और देने का अनैतिक दबाव बनाया जा रहा है। एंटी करप्शन ने ट्रैप की प्रक्रिया शुरु कर दी। बुधवार सुबह एंटी करप्शन टीम ने लोकेश को कैमिकल लगे चार लाख रुपये देकर इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह के पास भेजा। जैसे ही महेंद्र सिंह ने रुपये लिए एंटी करप्शन टीम ने उन्हें दबोच लिया। धमकाया, हेंकड़ी दिखाई लेकिन बच ना सके एंटी करप्शन टीम ने पूरी तैयारी के साथ लोकेश को भेजा था। रिकार्डिंग डिवाइज के अलावा एक गवाह भी लोकेश के साथ रहा। खुद के पकड़े जाने के बाद महेंद्र सिंह ने पुलिसिया अंदाज में पहले धमकाने का प्रयास किया। बात बनती नहीं दिखी तो सेटिंग का प्रयास करने लगा लेकिन एंटी करप्शन टीम ने कोई सुनवाई नहीं की और उन्हें लेकर सीधे रोहटा रोड से कंकरखेड़ा थाने आ गई। इंस्पेक्टर के पकड़े जाने की सूचना पर परिवार के लोगों का थाने में जमावड़ा लग गया। शाम को ही मुकदमा दर्ज हुआ। पहला पर्चा भी कंकरखेड़ा थाने की तरफ से काटा गया। जीप नहीं प्राइवेट गाड़ी से लाए कचहरी रिश्वतखोर इंस्पेक्टर के मामले में पुलिस का रवैया अन्य आरोपियों से एकदम अलग रहा। होता भी क्यों ना, मामला विभागीय व्यक्ति से जो जुड़ा था। पूरी रात कंकरखेड़ा थाने में कटी। देर रात तक परिवार के लोगों का वहां जमावड़ा लगा रहा। खाने-पीने का सामान भी टाइम टू टाइम पहुंचता रहा। गुरुवार को कोर्ट ले जाने की तैयारी हुई तो तुरन्त प्राइवेट गाड़ी बुला ली गई। जिस सरकारी गाड़ी में महेंद्र सिंह कल तक रौब से बैठा करते थे, उससे अब वह परहेज कर रहे थे। प्राइवेट लोगों का रहा चारों ओर घेरा एंटी करप्शन की टीम कंकरखेड़ा पुलिस की मदद से इंस्पेक्टर को कचहरी लेकर पहुंची। सार्वजनिक अवकाश होने के कारण रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना था। इंस्पेक्टर को गाड़ी में ही छोड़कर पुलिसकर्मी कागजी कार्रवाई पूरी करने में जुट गए। स्पेशल सीजेएम कोर्ट में रिमांड मजिस्ट्रेट बैठे थे, जिस कारण वहां काफी भीड़ थी। कोर्ट में पेश करने का समय आया तो इंस्पेक्टर प्राइवेट गाड़ी से नीचे उतरे। अपने प्राइवेट लोगों के घेरे में वह कोर्ट में पहुंचे और पेश हुए। मीडियाकर्मियों को धमकाने का प्रयास कोर्ट के जेल भेजने के फरमान के बाद जैसे ही पुलिसकर्मी इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह को लेकर बाहर निकले, फिर एक बार प्राइवेट लोगों की भीड़ ने इंस्पेक्टर को घेर लिया। यह सभी इंस्पेक्टर के लोग थे। कुछ मीडियाकर्मियों ने कैमरे निकालकर कवरेज करनी शुरु की तो प्राइवेट लोगों में शामिल कुछ चेहरे मीडिया पर भड़कते दिखाई दिए। धमकी भरे लहजे में रोकने का प्रयास किया लेकिन मीडियाकर्मी नहीं रुके। इसके बाद उसी प्राइवेट गाड़ी से एंटी करप्शन की टीम इंस्पेक्टर को जेल में दाखिल कराने के लिए रवाना हो गई। हापुड़ में 2021 से तैनात थे इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह
महेंद्र सिंह हापुड़ में साल 2021 से तैनात है। हापुड़ के हाफिजपुर, बहादुरगढ़, सिंभावली, कपूरपुर, कोतवाली देहात और कोतवाली गढ़, बाबूगढ़ में थाना प्रभारी रहे हैं। कुछ समय DCRB में भी तैनात रहे लेकिन फिर क्राइम ब्रांच में आ गए। वहीं, हापुड़ पुलिस ने भी इंस्पेक्टर से जुड़े मामलों की जांच शुरू कर दी है। कहीं और किसी मामले में तो रिश्वत लेकर उन्होंने गड़बड़ी नहीं की। हापुड़ में 2021 से तैनात
महेंद्र कुमार हापुड़ में साल 2021 से तैनात है। हापुड़ के हाफिजपुर, बहादुरगढ़, सिंभावली, कपूरपूर, कोतवाली देहात और कोतवाली गढ़, बाबूगढ़ में थाना प्रभारी रहे हैं। अभी वह DCRB में शाखा प्रभारी था। वहीं, हापुड़ पुलिस ने भी इंस्पेक्टर से जुड़े मामलों की जांच शुरू कर दी है। कहीं और किसी मामले में तो रिश्वत लेकर उन्होंने गड़बड़ी नहीं की। बुलंदशहर रेप केस में झूठे आरोपियों की पेशी DGP के सामने करवाई थी
इंस्पेक्टर महेंद्र 2016 में बुलंदशहर के ककोड़ थाने में तैनात था। हाईवे गैंगरेप केस में दो बेगुनाह लड़कों को आरोपी बताकर उन्हें तत्कालीन डीजीपी के सामने पेश कर दिया था। झूठ की बुनियाद पर हुए खुलासे की वजह से डीजीपी की प्रेसवार्ता में जमकर फजीहत हुई। बाद में दोनों बेगुनाह बरी हुए थे। तत्कालीन सपा सरकार की थू-थू हुई। बाद में मामले की सीबीआई जांच से सच्चाई सामने आ सकी। ————————— ये खबर भी पढ़ें – रैपिड रेल में गंदा काम करने वाली छात्रा डिप्रेशन में:जान देने की कोशिश की; गाजियाबाद में पड़ोसी बोले- दोनों की शादी करा दो नमो भारत रैपिड ट्रेन के अश्लील VIDEO में दिखने वाली छात्रा ने जान देने की कोशिश की। परिवार ने उसका ट्रीटमेंट कराने के बाद दूसरे शहर में रिश्तेदार के घर भेज दिया है। छात्रा गाजियाबाद की रहने वाली है और बालिग है। वह मेरठ रोड के इंस्टीट्यूट में BCA कर रही है। पढ़ें पूरी खबर…
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