आगरा में पिछले दिनों आयकर विभाग की टीम आगरा स्थित जानी-मानी ज्वैलरी फर्म एपी ज्वैलर्स के ठिकानों पर पहुंची थी। लगभग तीन दिन तक चलने वाली कड़ी जांच और छापेमारी के बाद, सूत्रों के अनुसार, फर्म के संचालक ने 15 करोड़ रुपये पर टैक्स जमा करने को स्वीकार किया। यह राशि उन कारोबारों से संबंधित है। जिन पर अब तक टैक्स नहीं भरा गया था। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक यह कार्रवाई विभाग की बड़ी सफलता मानी जा रही है। आयकर विभाग ने 19 दिसंबर को फर्म के नेहरू नगर, विजय नगर, किनारी बाजार सहित चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। पिछले सप्ताह तीन दिन तक चले इस सर्वे में जब्त किए गए लेखे-जोखे की जांच संयुक्त आयुक्त और उपायुक्त स्तर के अधिकारियों द्वारा दो दिन तक की गई। इसी दौरान कारोबारी ने अपनी कर देयता स्वीकार की। पिछले रविवार की देर रात सम्पन्न हुए सर्वे के तुरंत बाद जांच टीमों और कारोबारी के बीच डिस्क्लोजर को लेकर सहमति नहीं बन सकी थी। इसके बाद आयकर विभाग ने कारोबारी को सम्मन भेजने का निर्णय लिया। सूत्रों का दावा था कि जांच टीमों को हिसाब-किताब में गड़बड़ियां मिलीं, लेकिन कारोबारी तुरंत बयान दर्ज कराने को तैयार नहीं थे और उन्होंने अग्रिम कर में राशि अधिक जमा करने का आश्वासन देकर मामले को टालने की कोशिश की। इस कार्रवाई का किनारी बाजार के व्यापारी विरोध भी कर रहे थे। सर्राफा बाजार के कई व्यापारियों ने विरोध स्वरूप अपनी दुकानें बंद कर दी थीं। उनका कहना था कि सर्वे और कार्रवाई के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। विभागीय अधिकारी इसे बड़ी सफलता मान रहे हैं। उनका कहना है कि इस कार्रवाई से टैक्स चोरी रोकी जा सकेगी और व्यापारिक अनुशासन बढ़ेगा। अधिकारियों का यह भी कहना है कि इस तरह की कार्रवाइयां व्यापारियों में नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मदद करती हैं।
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