इटावा पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर साइबर ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। कोतवाली पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से छह मोबाइल फोन, इंडियन बैंक की एक पासबुक, छह एटीएम कार्ड, दो पैन कार्ड, तीन आधार कार्ड, दो कारें और 2890 रुपये नकद बरामद किए गए हैं। क्षेत्राधिकारी नगर अभयनारायण राय ने मामले की जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, आरोपी लोगों को ऑनलाइन गेमिंग और फैंटेसी गेम को सरकारी और वैध बताकर फंसाते थे। वे शुरुआत में तकनीकी तरीके से खिलाड़ियों को जीत दिलाते थे ताकि उनका भरोसा जीत सकें। एक बार जब खिलाड़ी बड़ी रकम लगा देते थे, तो उन्हें हराकर पैसे हड़प लिए जाते थे। यह गिरोह लंबे समय से इसी तरीके से ठगी कर रहा था। गुरुवार सुबह कोतवाली पुलिस क्षेत्र में गश्त कर रही थी। इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड करने वाला गिरोह रामलीला मैदान के पास मौजूद है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मौके से तीन आरोपियों को पकड़ लिया। हालांकि, एक आरोपी अंकित मिश्रा पुत्र सत्यनारायण मिश्रा अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया, जिसकी तलाश जारी है। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि वे ऑनलाइन गैंबलिंग और फैंटेसी गेमिंग ऐप के जरिए लोगों से ठगी करते थे। वे गूगल पर विज्ञापन दिखाकर लोगों को भरोसे में लेते थे और ऑनलाइन कॉइन के जरिए गेम खिलवाते थे। पुलिस के अनुसार, गिरोह का मकसद युवाओं को फंसाकर ठगी करना और डिजिटल मनी लॉन्ड्रिंग करना भी था। इस मामले में थाना कोतवाली पर धारा 318 और 112, आईटी एक्ट की धारा 66 डी, सार्वजनिक जुआ अधिनियम की धारा 13 और द प्रोमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 की धारा 5 और 9(1) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। बरामद दोनों कारों को मोटर वाहन अधिनियम की धारा 207 के तहत सीज कर दिया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में संस्कार यादव (पुत्र अनिल यादव, निवासी तकिया आजादगान मोहल्ला, उम्र 21 वर्ष), मनन शुक्ला (पुत्र विनोद कुमार शुक्ला, निवासी पुरविया टोला तलैया मैदान, उम्र 23 वर्ष) और वासू भदौरिया शामिल हैं।
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