कौशांबी के विभिन्न स्कूलों में क्रिसमस का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सेंट फ्रांसिस स्कूल बेरुवा, नंदी वाणी पब्लिक स्कूल भरवारी और एस.एन. कॉन्वेंट स्कूल सहित कई संस्थानों में प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिन पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों में बच्चों ने ईसा मसीह के जन्म से जुड़ी प्रमुख घटनाओं का जीवंत मंचन किया। प्रस्तुतियों में दर्शाया गया कि यीशु के जन्म के समय आकाश में एक विशेष तारा दिखाई दिया था, जिसका अनुसरण करते हुए पूर्व दिशा से तीन ज्ञानी पुरुष उनके दर्शन के लिए आए थे। प्रभु ईसा मसीह बचपन से ही बुद्धिमान और धर्मग्रंथों के ज्ञाता थे। बताया गया कि 12 वर्ष की आयु से ही वे धर्मगुरुओं से मानवीय मूल्यों पर चर्चा करते थे। लगभग 30 वर्ष की आयु में उन्होंने उपदेश देना शुरू किया, जिसमें प्रेम, क्षमा, दया, सत्य और सेवा के संदेश प्रमुख थे। उनके मुख्य संदेशों में “अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम करो” शामिल था। उन्होंने शत्रुओं से भी प्रेम करने, पापियों को क्षमा करने, गरीबों और दुखियों की सहायता करने, अहंकार व दिखावे से दूर रहने तथा ईश्वर पर पूर्ण विश्वास रखने का आह्वान किया। क्रिसमस पर्व के आयोजन के अवसर पर सेंट फ्रांसिस स्कूल के प्रधानाचार्य जेराल्ड पी. डिसूजा ने बच्चों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमें मानव जाति की भलाई के लिए हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए और सभी से प्रेम करना चाहिए, चाहे वे किसी भी जाति या धर्म के हों। इस दौरान बच्चों ने सांता क्लॉज की वेशभूषा में सजकर सहपाठियों और शिक्षकों को उपहार दिए। कार्यक्रम के अंत में शिक्षकों ने भी बच्चों को उपहार देकर सम्मानित किया।
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