हमीरपुर जिले के प्रसिद्ध सिंहमहेश्वर मंदिर में जूना अखाड़ा के संतों ने सनातन धर्म ध्वजा फहराई। यमुना नदी के तट पर स्थित इस मंदिर में यमुना मां का भव्य श्रृंगार किया गया। श्रद्धालुओं के सहयोग से 600 मीटर लंबी सतरंगी चुनरी एक छोर से दूसरे छोर तक अर्पित की गई। यह धार्मिक आयोजन मां कालिंदी (यमुना) के नाम पर संपन्न हुआ। चुनरी को यमुना के दोनों किनारों के बीच ले जाने के लिए तीन नावों का सहारा लिया गया। सतरंगी चुनरी ने यमुना के पवित्र जल को स्पर्श करते हुए एक तट से दूसरे तट तक यात्रा की, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। इस अवसर पर सिंहमहेश्वर मंदिर आश्रम के महंत पीठाधीश्वर त्रिभुवन दास महाराज और पंचायती अखाड़ा के पीठाधीश्वर अद्वैतानंद महाराज सहित अन्य महंत और साधु-संत उपस्थित थे। अखाड़े की जमात ने रामधुन के साथ भोलेनाथ के जयकारे लगाए।
इसके पश्चात दीपदान का कार्यक्रम हुआ, जिसमें एक साथ सैकड़ों दीप प्रज्वलित कर यमुना मां की आरती उतारी गई। आरती के बाद संकीर्तन का आयोजन हुआ, जिससे पूरा क्षेत्र भक्तिमय वातावरण में सराबोर हो गया। सिंहमहेश्वर मंदिर के महंत ने जनपदवासियों से अपील की है कि वे मंदिर में आयोजित विशेष पूजा कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हों। उन्होंने बताया कि इस दौरान स्वयं महादेव रूपी भस्म के गोले की भव्य पूजा की जाएगी। यह विशेष आयोजन नित्य शिव श्रृंगार करने वाले भक्तों के सहयोग से किया जा रहा है।
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