गोरखपुर के गोडधोइया नाले के किनारे आदित्यपुरी में शुक्रवार की सुबह तीन मकान भरभराकर गिर गए। गनीमत रही कि इन मकानों में पहले से कोई नहीं रह रहा था, वरना बड़ी जनहानि हो सकती थी। मकान में रहने वाले लोग पहले से ही अपने घर को छोड़कर रेंट पर रह रहे थे। उन लोगों ने बताया कि जिंदगी में दोबारा घर बनाना आसान नहीं होता। जानकारी के मुताबिक, करीब 16 अक्टूबर से इलाके में नाले की खुदाई का काम चल रहा था। उसी दौरान किनारे बने मकानों में दरारें पड़नी शुरू हो गई थीं। खतरे को देखते हुए मकान मालिकों ने एहतियातन घर खाली कर दिए थे। शुक्रवार की सुबह खोदाई के दौरान मिट्टी धंसने से ये तीनों मकान गिर पड़े। ढहने वाले मकानों के मालिक लवकुश सिंह, मनोज उपाध्याय और जगदीश उपाध्याय हैं। उनका कहना है कि उन्होंने पहले ही घर का कुछ हिस्सा गिरा दिया था, ताकि नुकसान कम हो, लेकिन नाले की गहराई बढ़ने से मिट्टी खिसक गई और पूरा मकान ध्वस्त हो गया। घरों में रखा सामान भी हुआ बर्बाद मकान मालिकों ने बताया कि घरों में कुछ सामान अब भी रखा हुआ था, जो हादसे में नाले में बह गया या टूट गया। फिलहाल तीनों परिवार किराए के मकानों में रह रहे हैं। प्रशासन ने किया मुआवजा का ऐलान घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन और जीडीए की टीम मौके पर पहुंची। लेखपाल ने निरीक्षण कर नुकसान का आकलन किया और मुआवजे की राशि तय की। लवकुश सिंह को ₹33 लाख, मनोज उपाध्याय को ₹9 लाख, जगदीश उपाध्याय को ₹5.24 लाख का मुआवजा देने का निर्णय लिया गया है। फिर से बनाएंगे मकान लवकुश सिंह ने बताया कि फिलहाल उनका परिवार किराए पर रह रहा है। उन्होंने कहा “अभी तो अस्थायी रूप से किराए के घर में हैं। नाले का निर्माण पूरा होने के बाद वहीं पर फिर से नया मकान बनाएंगे।” गोडधोइया नाला प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जा रहा है। करीब 10 किलोमीटर लंबा और 20 मीटर चौड़ा पक्का नाला बनाया जा रहा है, जिस पर लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस नाले से 200 से ज्यादा मोहल्लों को जलभराव से राहत मिलने की उम्मीद है।
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