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वैशाली में रोडरेज में मर्डर, गाड़ी टकराई तो मार डाला:चश्मदीद बोला- फॉर्च्यूनर से उतरा, शीशा गिराया और पेट में चाकू मारे; हमारी कार भी ले गया

हाजीपुर में रोड रेज में एक युवक की हत्या कर दी गई। एक गंभीर है। बताया जा रहा है कि फॉर्च्यूनर और डस्टर गाड़ी में हल्की टक्कर के बाद विवाद हुआ। फॉर्च्यूनर सवार कार से उतरा और डस्टर सवार युवकों पर चाकू से हमला कर दिया। इसमें ड्राइविंग सीट पर बैठे शख्स की मौत हो गई। मामला सदर थाना क्षेत्र के दिग्घी मरमाला चौड़ के पास का है। बुधवार को ये हत्या हुई है। मृतक की पहचान पातेपुर थाना क्षेत्र के बडढ़िहा गांव के 25 साल के चंद्रशेखर कुमार के रूप में हुई है। घायल का नाम बैजनाथ राय है। उसकी उम्र 22 साल है। अब सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए पूरा घटनाक्रम… घायल मनीष कुमार ने बताया कि मैं अपने दोस्त आकाश कुमार के यहां हाजीपुर में भोज खाने आया था। भोज खाकर अपनी डस्टर गाड़ी से घर लौट रहा था, तभी मेरी गाड़ी एक ब्लैक फॉरच्यूनर से सट गई। इसके बाद फॉर्च्यूनर सवार लोग नीचे उतरे और चाकू से हमला करना शुरू कर दिया। हमलावरों ने हमारी गाड़ी का शीशा भी तोड़ दिया और चंद्रशेखर के पेट में चाकू मार दिया। चाकू लगने के बाद चंद्रशेखर बेहोश होकर वहीं गिर गए। मैं किसी तरह चंद्रशेखर को उठाकर भागा और अपनी जान बचाई। हमलावर हमारी डस्टर गाड़ी लेकर फरार हो गए। घायल ने PMCH में तोड़ा दम घटना की सूचना मिलते ही 112 नंबर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों घायलों को हाजीपुर सदर अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक इलाज के बाद गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें पटना PMCH रेफर कर दिया था, जहां चंद्रशेखर ने दम तोड़ दिया। चंदशेखर कुमार 4 भाइयों में सबसे छोटा था। पिता की 3 साल पहले मौत हो चुकी है। अभी शादी नहीं हुई थी। मजदूरी कर अपना घर चलाता था। साइड नहीं देने पर चाकू से किया हमला सदर थाना अध्यक्ष रणवीर कुमार झा ने बताया कि ‘साइड नहीं देने के कारण गुस्साए फॉर्च्यूनर चालक ने कार सवार दो व्यक्तियों को चाकू मारकर घायल कर दिया है। घटना की सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर पुलिस पहुंचकर घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल हाजीपुर भेजा गया। प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर रूप से घायल चंद्रशेखर को इलाज के लिए पटना PMCH रेफर कर दिया गया था, लेकिन उसकी मौत हो गई। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। लिखित आवेदन मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल शव पोस्टमॉर्टम की प्रकिया पूरी की जा रही है। रोड रोज क्या है? रोज रेज का मतलब गाड़ी के ड्राइवर द्वारा आक्रामक, जबरदस्ती या गुस्से से भरा व्यवहार करना है। सीधे शब्दों में कहें तो रोड रेज गाड़ी चलाते समय अचानक हुई हिंसा या गुस्सा है जो गाड़ी चलाते समय गुस्से और हताशा के कारण पैदा होती है। रोड रेज की वजह जबर्दस्ती और एग्रेसिव ड्राइविंग को माना जाता है। रोड रेज में असभ्य व्यवहार, अपमान करना, चिल्लाना, धमकियां देना, मारपीट करना या अन्य ड्राइवरों, पैदल चलने वालों या साइकिल चालकों को डराने-धमकाने के प्रयास में खतरनाक ड्राइविंग करना आदि शामिल हैं। रोड रेज से विवाद, संपत्ति को नुकसान, हमले और टकराव हो सकते हैं जिससे गंभीर चोट लग सकती है या मौत भी हो सकती है। रोड रेज की घटनाओं के बढ़ने की वजह क्या है? एक्सपर्ट्स का कहना है कि तेजी से बढ़ती आबादी, गांवों से शहरों में होने वाले विस्थापन, वाहनों की तादाद में वृद्धि, सड़कों के इन्फ्रास्ट्रक्चर का अभाव व ड्राइवरों में बढ़ती इन्टॉलरेंस ये सब रोड रेज बढ़ने की प्रमुख वजहें हैं। इन्टॉलरेंस का आलम यह है कि वाहन में जरा-सी टक्कर लगते ही मारपीट शुरू हो जाती है। देश में सड़कों की लंबाई के मुकाबले गाड़ियों की बढ़ती संख्या ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है। मिसाल के तौर पर दिल्ली में बीते दो दशकों के दौरान गाड़ियों की संख्या में जहां 212% की वृद्धि हुई है। वहीं सड़कों की लंबाई महज 17% बढ़ी है। इस वजह से लोगों को सड़कों पर पहले के मुकाबले ज्यादा देर तक रहना पड़ता है। इससे उनमें नाराजगी और हताशा बढ़ती है। ऐसे में अक्सर मामूली कहा-सुनी भी हिंसक झगड़ों में बदल जाती है। भारत में क्या है रोड रेज को लेकर कानून भारत में पिछले कुछ वर्षों से रोड रेज की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। लेकिन भारतीय कानून के तहत अब भी रोड रेज दंडनीय अपराध नहीं है। हालांकि मोटर व्हीकल एक्ट में ऐसे कई सेक्शन हैं जो रोड इंजरी और रैश ड्राइविंग के मामलों से जुड़े हैं, लेकिन इस एक्ट में ऐसा कोई सेक्शन नहीं है जो रोड रेज से संबंधित है। यानी मोटर व्हीकल एक्ट में ऐसा कोई विशेष प्रावधान नहीं है, जोकि रोड रेज को दंडनीय अपराध बनाता हो। ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे देशों में रोड रेज दंडनीय अपराध है। मार्च 2021 में एक मामले की सुनवाई करते हुए केरल हाई कोर्ट ने कहा था कि रोड रेज के बढ़ते मामलों को देखते हुए उसे दंडनीय अपराध बनाया जाना चाहिए। परिवाहन मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक, 2021 में देश में रोडरेज और रैश ड्राइविंग के 2.15 लाख मामले आए थे।


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