अंबेडकरनगर के बेसिक और माध्यमिक विद्यालयों में जल्द ही एक ‘रीडिंग कैंपेन’ शुरू किया जाएगा। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में पढ़ने की रुचि विकसित करना और उनका ‘स्क्रीन टाइम’ कम करना है। इस अभियान के तहत, पुस्तकों के साथ-साथ समाचार पत्रों को भी विद्यालयों की दैनिक पठन संस्कृति का अनिवार्य हिस्सा बनाया जाएगा। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा ने इस संबंध में सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश जारी किए हैं। जारी पत्र में बताया गया है कि समाचार पत्र पढ़ने से विद्यार्थियों का सामान्य ज्ञान और समसामयिक विषयों पर पकड़ मजबूत होती है। यह भविष्य की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, इससे भाषा शैली और लेखन क्षमता में सुधार होता है। अपर मुख्य सचिव के अनुसार, नियमित पठन से आलोचनात्मक व तार्किक सोच का विकास होता है, एकाग्रता बढ़ती है, तथा सामाजिक जागरूकता एवं संवेदनशीलता में वृद्धि होती है। प्रार्थना सभा में 10 मिनट का समय ‘समाचार वाचन’ के लिए निर्धारित किया गया शासन ने सभी माध्यमिक एवं बेसिक विद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि उनके पुस्तकालयों में हिंदी और अंग्रेजी भाषा के प्रतिष्ठित समाचार पत्र अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाएं। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि ये समाचार पत्र विद्यार्थियों की सुगम पहुंच में हों। अभियान के तहत, प्रतिदिन प्रार्थना सभा में 10 मिनट का समय ‘समाचार वाचन’ के लिए निर्धारित किया गया है। इसमें विद्यार्थी रोटेशन के आधार पर संपादकीय लेख के मुख्य अंश, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय और खेल जगत की प्रमुख खबरें पढ़कर सुनाएंगे। इसके अलावा, समाचार पत्र से चुने गए पांच नए कठिन शब्दों का अर्थ भी प्रार्थना सभा में बताया जाएगा। विद्यार्थियों को समाचार पत्रों की संरचना से प्रेरणा लेकर अपने विद्यालय के लिए मासिक या त्रैमासिक ‘विद्यालय समाचार पत्र’ या ‘मैगज़ीन’ तैयार करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इसका संपादन विद्यार्थियों की टीम करेगी, जिसमें विद्यालय की गतिविधियों और उपलब्धियों को समाचार के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि इस संबंध में विस्तृत निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे।
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