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कोर्ट पहुंचा बॉलीवुड एक्टर चंद्रचूड़ सिंह का पारिवारिक विवाद:विधवा चाची पर तलाक के बाद भी हवेली पर कब्जे का आरोप, विदेशी युवक की एंट्री; बता रहा चचेरा भाई

​अलीगढ़ के बॉलीवुड अभिनेता चंद्रचूड़ सिंह को पारिवारिक और संपत्ति का मामला न्यायालय तक पहुंच गया हैं। थाना रोरावर के अशरफपुर जलाल स्थित उनकी ऐतिहासिक और पैतृक हवेली ‘कल्याण भवन’ को लेकर कानूनी जंग छिड़ गई है। अभिनेता चंद्रचूड़ सिंह और उनके भाई अभिमन्यु बलदेव सिंह ने विधवा चाची और एक युवक पर अवैध कब्जे और फर्जी दावों को लेकर सिविल जज की अदालत में वाद दाखिल किया है। 140 साल पुरानी है विरासत अशरफपुर जलाल में विशाल दो मंजिला हवेली और उससे लगी बेशकीमती भूमि है, जो पीढ़ियों से चंद्रचूड़ सिंह के परिवार के स्वामित्व में है। यह हवेली 1885 की है, जो अभिनेता के परदादा ठाकुर कल्याण सिंह को अतरौली के राजा ने भेंट की थी। दायर याचिका के अनुसार इस संपत्ति का प्रबंधन और कब्जा दशकों से चंद्रचूड़ के परिवार के पास रहा है। विदेशी नागरिक और तलाकशुदा चाची पर आरोप ​कोर्ट में पेश किए गए वाद-पत्र में दो लोगों को मुख्य प्रतिवादी बनाया गया है। इनमें रॉबिन आकेसन पर आरोप है कि वह स्वीडन का रहने वाला यह विदेशी नागरिक है और खुद को दिवंगत चाचा गंगा सिंह का बेटा बताकर संपत्ति पर अपना हक जता रहा है। वादी पक्ष का कहना है कि रॉबिन के पास उत्तराधिकार साबित करने के लिए किसी भी भारतीय न्यायालय की वैध डिक्री या डीएनए प्रमाण मौजूद नहीं है। गंगा सिंह पर एक बेटा और बेटी वादी पक्ष के अधिवक्ता संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि चंद्रचूड़ सिंह के चाचा गंगा सिंह की शादी गायत्री देवी से 1988 में हुई थी। इसके बाद गंगा सिंह को बेटा जय सिंह और एक बेटी अंजनि हुई। शादी के करीब 15 साल बाद गंगा सिंह और गायत्री देवी में वैवाहिक संबंधों में खटास आ गई। इसके बाद गायत्री देवी अहमदाबाद अपने मायके चलीं गईं। 2011 में हो गया तलाक गंगा सिंह ने बाद में अलीगढ़ के न्यायालय में दो साल से अधिक समय तक पत्नी के न आने पर तलाक का मुकदमा दायर कर दिया। अदालत से वर्ष 2011 में तलाक का आदेश पारित हो गया। इसके बाद दो फरवरी 2011 को तलाक की डिक्री भी पारित हुई। चंद्रचूड़ और उनके भाई अभिमन्यु ने तलाक के आदेश के आधार पर चाची के संपत्ति पर अधिकारी को गैरकानूनी बताया है। बीमार पति की देखभाल के लिए लौटी गंगा सिंह की कुछ समय से तबीयत खराब रहने लगी थी। इसकी जानकारी होने पर गायत्री देवी देखभाल करने आई थीं। गंगा सिंह ने भी पत्नी को हवेली में रहने की अनुमति दे दी। इसी दौरान 31 अक्टूबर को गंगा सिंह का निधन हो गया। चंद्रचूड़ का आरोप है कि चाचा की मौत के बाद ही गायत्री देवी ने हवेली पर कब्जा करना शुरू कर दिया है। गंगा सिंह के बेटे जय सिंह का संपत्ति में है अधिकार गंगा सिंह का बेटा मां के साथ ही रहता था। वह स्वीडन में किसी कंपनी में जॉब करने लगा था। इसलिए गायत्री देवी उसी के साथ स्वीडन रहने लगी थीं। वहीं, पहले गंगा सिंह भी स्वीडन में एक कंपनी में जॉब करते थे। वादी अधिवक्ता का कहना है कि जय सिंह गंगा सिंह के बेटे हैं, इसलिए पारिवारिक वसीयत के अनुसार उनका हिस्सा है। प्रशासन से नहीं मिली मद तो कोर्ट की ली शरण ​चंद्रचूड़ सिंह ने अपनी मां कृष्णा कुमारी देवी के साथ मिलकर पहले SSP और DM से मुलाकात कर लिखित शिकायत की थी। उन्होंने भू-माफियाओं के हस्तक्षेप की भी आशंका जताई थी। जब प्रशासन से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तब उन्होंने स्थायी निषेधाज्ञा और पुलिस संरक्षण के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। ​राजनीतिक रसूख और पहचान ​चंद्रचूड़ सिंह के पिता कैप्टन बलदेव सिंह खैर विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं और उनका परिवार अलीगढ़ के प्रतिष्ठित राजघरानों और राजनीतिक परिवारों से ताल्लुक रखता है।


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