दरभंगा में एक युवक की मौत को हत्या करार देते हुए परिजन ने शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। बुधवार को दरभंगा- मुजफ्फरपुर- झंझारपुर पर जाम से करीब ढाई घंटे गाड़ियां फंसी रही। बसैला चौक रखे गए शव के दोनों ओर गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई। जाम में बिहार के पूर्व मंत्री और वीआईपी चीफ मुकेश सहनी भी फंस गए। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों की सुरक्षा भगवान के हाथ में है, बिहार भगवान के भरोसे ही चल रहा है। मृतक की पहचान सदर थाना क्षेत्र के भुसकौल गांव के रहने वाले 35 रामसेवक राम के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार, रामसेवक राम वैशाली जिले में हाजीपुर और मुजफ्फरपुर के बीच स्थित एक लाइन होटल में रसोइए (कुक) के रूप में कार्यरत थे। आरोप है कि उसी होटल में काम के दौरान उनकी हत्या कर दी गई। होटल “देसी मसाला” के संचालक ने फोन कर परिजनों को उनकी मौत की सूचना दी। लाश ले जाने का दबाव बनाया, कहा- 15 दिन बाद पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलेगी परिजनों का कहना है कि सूचना मिलने के बाद दरभंगा से पांच लोग होटल पहुंचे, जहां उन्हें बताया गया कि पोस्टमॉर्टम पहले ही कराया जा चुका है। जब परिजनों ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य कागजात मांगे तो होटल प्रबंधन कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा सका और शव को जल्द से जल्द ले जाने का दबाव बनाने लगा। यहां तक कहा गया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट 15 दिन बाद मिलेगी। दरभंगा लौटने के बाद पीड़ित परिवार ने स्थानीय प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन संतोषजनक कार्रवाई नहीं होने से नाराज परिजनों और ग्रामीणों ने एनएच-27 को जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। सोमवार रात की घटना है, रेलवे ट्रैक पर फेंकी गई लाश इसी दौरान वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी भी जाम में फंस गए। वे मौके पर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि “मैं खुद एक घंटे से जाम में फंसा हूं। करीब ढाई घंटे से सड़क पूरी तरह जाम है। यह घटना परसों रात की है, जहां एक व्यक्ति की हत्या कर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया।” मुकेश सहनी ने आरोप लगाया कि हत्या के बाद बिना परिजनों की सहमति के शव को पोस्टमॉर्टम करवा कर सौंपने की कोशिश की गई। जब परिजनों ने आपत्ति जताई और थाना पुलिस से संपर्क किया तो “कोई सुनने को तैयार नहीं था।” इसी के विरोध में ग्रामीण और स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए और न्याय की मांग करने लगे। उन्होंने कहा कि “हमने थाना, पुलिस और प्रशासन के तमाम अधिकारियों को फोन किया, लेकिन कहीं से कोई सही रिस्पॉन्स नहीं मिला। थाना पुलिस पूरी तरह फेल हो चुकी है। जनता का भरोसा उठ चुका है।” सहनी बोले- पुलिस शराब बिकवाने, अन्य धंधों में जुटी है सहनी ने आरोप लगाया कि “आज हालात ऐसे हैं कि पुलिस का ध्यान कानून व्यवस्था से हटकर शराब बेचवाने सहित अन्य अवैध धंधों में लगा हुआ है।” मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री की तबीयत खराब है, बिहार भगवान भरोसे चल रहा है। सरकार पूरी तरह कोलैप्स हो चुकी है।” वीआईपी प्रमुख ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि समय रहते दरभंगा और वैशाली पुलिस आपस में समन्वय कर परिजनों की मदद करती, तो आज सड़क जाम जैसी स्थिति नहीं बनती। उन्होंने कहा, “यह एनएच-27 है, जहां से 15–20 जिलों के लोग आते-जाते हैं। मुजफ्फरपुर, दरभंगा सहित कई इलाकों के लोग फंसे हुए हैं। किसी को एयरपोर्ट जाना है, किसी को रेलवे स्टेशन—सभी परेशान हैं।” मुकेश सहनी ने कहा कि वे नेता होने के नाते जनता के साथ खड़े हैं और “हजारों लोग यहां फंसे हैं, मैं भी उन्हीं में से एक हूं।” उन्होंने अंत में कहा कि “आने वाले समय में जनता को फैसला लेना है, क्योंकि आज बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह विफल हो चुकी है।” ग्रामीण बोले- बिना परिजन को बताए पोस्टमॉर्टम कराया, बाद में हत्या की सूचना दी ग्रामीण विनोद कुमार ने आरोप लगाया कि होटल मालिक ने बिना परिजनों को बताए पोस्टमार्टम करा दिया और बाद में फोन कर हत्या की सूचना दी। उन्होंने मांग की कि होटल मालिक की अविलंब गिरफ्तारी हो, होटल को सील किया जाए और पीड़ित परिवार को न्याय मिले। करीब दो घंटे तक चले प्रदर्शन और बातचीत के बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने निष्पक्ष जांच, दोबारा पोस्टमार्टम कराने और साक्ष्यों के आधार पर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया। इसके बाद परिजनों ने जाम समाप्त किया, जिससे एनएच-27 पर यातायात धीरे-धीरे सामान्य हो सका। फिलहाल प्रशासन पूरे मामले की जांच में जुट गया है और आगे की कार्रवाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट व अन्य साक्ष्यों के आधार पर किए जाने की बात कही जा रही है।
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