बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या के विरोध में गाजियाबाद में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और व्यापार मंडल ने विरोध प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी शहीद पथ से घंटाघर तक फ्लैग मार्च निकालते हुए पहुंचे। मार्च के समापन पर घंटाघर चौराहे पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस का पुतला फूंका गया। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने नारेबाजी की और बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की कड़ी निंदा की। प्रदर्शनकारियों ने दीपू चंद्र दास के हत्यारों को कड़ी सजा देने और बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। दीपू चंद्र दास हत्याकांड 18 दिसंबर 2025 को बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले के भालुका इलाके में हुआ था। गारमेंट फैक्ट्री में काम करने वाले 25 से 27 वर्षीय युवक पर एक उग्र भीड़ ने हमला कर दिया था। भीड़ ने उसे ईशनिंदा के आरोप में निशाना बनाया, हालांकि जांच में इसका कोई सबूत नहीं मिला। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, फैक्ट्री में पदोन्नति को लेकर विवाद इस घटना का वास्तविक कारण था। भीड़ ने दीपू को फैक्ट्री से बाहर खींचकर बेरहमी से पीटा, उसे पेड़ से लटकाया और बाद में उसके शव को आग के हवाले कर दिया। इस घटना के बाद दुनिया भर में आक्रोश फैल गया। संयुक्त राष्ट्र ने भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जताई। बांग्लादेश सरकार ने अब तक 12 लोगों की गिरफ्तारी की जानकारी दी है। दीपू की हत्या के बाद भारत के कई शहरों जैसे दिल्ली, कोलकाता, भोपाल, हैदराबाद, कानपुर और जम्मू में विरोध प्रदर्शन हुए। दिल्ली में बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर भी प्रदर्शनकारियों ने पुतला फूंका था। गाजियाबाद में आयोजित फ्लैग मार्च इसी राष्ट्रव्यापी विरोध का हिस्सा था, जिसमें स्थानीय व्यापारी और आम नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए। विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों का कहना है कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं। उन्होंने भारत सरकार से इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने की मांग की है।
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