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26 तक कार्रवाई, निजी अस्पतालों पर सख्ती की तलवार:CMO बोले- महिला की मौत के मामले में अर्थदंड, सील और FIT तक संभव

अयोध्या में ओवरडोज इंजक्शन से महिला मरीज की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने अब सख्त रुख अपना लिया है। दर्शन नगर स्थित मंडलीय चिकित्सालय में आयोजित प्रेसवार्ता में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुशील कुमार बनियान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मामले की जांच अंतिम चरण में है और 26 तारीख तक हर हाल में कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि निर्मला हॉस्पिटल और सोना हॉस्पिटल की रिपोर्ट अब तक प्राप्त नहीं हो सकी है, जबकि मैक्स हॉस्पिटल से भी रिपोर्ट तलब की गई है। तकनीकी कारणों के चलते तत्काल कार्रवाई नहीं हो सकी है सीएमओ ने बताया कि दोनों निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना से जुड़े हुए हैं। तकनीकी कारणों के चलते तत्काल कार्रवाई नहीं हो सकी है, लेकिन जैसे ही इन्हें योजना से डिटैच किया जाएगा, विभागीय और विधिक कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने साफ किया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। लापरवाही प्रमाणित होने पर संबंधित अस्पतालों पर आर्थिक दंड लगाया जा सकता है सीएमओ ने कहा कि जांच में लापरवाही प्रमाणित होने पर संबंधित अस्पतालों पर आर्थिक दंड लगाया जा सकता है, अस्पताल सील किए जा सकते हैं, एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है तथा पंजीकरण निरस्त या निलंबित करने तक की कार्रवाई संभव है। कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर तय होगी और दोनों अस्पतालों पर समान रूप से लागू की जाएगी। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट को ही वैधानिक साक्ष्य माना जाएगा सीएमओ ने यह भी स्पष्ट किया कि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट को ही वैधानिक साक्ष्य माना जाएगा। यदि समय से पोस्टमार्टम कराया गया होता तो यह स्पष्ट हो जाता कि मरीज की मौत किसी आंतरिक बीमारी से हुई या फिर इंजेक्शन की ओवरडोज से। मैक्स हॉस्पिटल की रिपोर्ट मिलने के बाद वास्तविक स्थिति सामने आएगी। सीएमओ ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सोना हॉस्पिटल द्वारा सर्जरी और एनेस्थीसिया इंजेक्शन में ओवरडोज की खामियां सामने आई हैं। यह भी संदिग्ध है कि मरीज को लखनऊ रेफर करने की प्रक्रिया लिखित थी या सिर्फ फोन पर ही तय की गई। इस बिंदु को भी जांच में शामिल किया गया है। दोषी डॉक्टरों और स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने तथा अस्पताल सील करने की मांग गौरतलब है कि निर्मला हॉस्पिटल में इलाज के दौरान कथित ओवरडोज से मरीज की मौत हो गई थी। पीड़ित परिवार ने दोनों अस्पतालों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषी डॉक्टरों और स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने तथा अस्पताल सील करने की मांग की है। अब सीएमओ के 26 तक कार्रवाई के बयान के बाद पूरे मामले पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।


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