प्रयागराज के एयरपोर्ट क्षेत्र में पूर्व प्रधान के भाई को ईंट-भट्ठे में डंफर ने रौंद दिया। आरोप है कि मुंशी और मालिक लहुलुहान हाल में उसे तड़पता छोड़कर भाग निकले जिससे उसकी मौत हो गई। सुबह मजदूरों ने शव देखने पर हंगामा मचाया और तब परिजनों को सूचना मिली। घरवालों ने नौ घंटे तक शव नहीं उठने दिया। बाद में आश्वासन पर मानेऔर तब जाकर शव मर्चरी भेजा जा सका। रात 12 बजे के करीब घटना
52 साल के रविंद्र कुमार कादिलपुर के रहने वाले थे। उनके बड़े भाई वीरेंद्र कुमार गांव के प्रधान रह चुके हैं। बेटे सुनील ने बताया, पिताजी गांव में स्थित अहमद के भट्ठे में चौकीदारी करते थे। रोज की तरह मंगलवार रात भी वह भट्ठे पर गए। वहां रात 12 बजे के करीब संदिग्ध हाल में उन्हें डंफर ने कुचल दिया। इसके बाद मुंशी और मालिक उन्हें लहुलुहान हाल में वहीं तड़पता छोड़कर भाग निकले। मजदूरों ने किया हंगामा
सुबह सात बजे के करीब काम करने मजदूर भट्ठे पर पहुंचे तो देखा कि रविंद्र मृत पड़े थे। यह देखकर उन्होंने हंगाम शुरू कर दिया। जानकारी पर मुंशी रामचंद्र पहुंचाऔर इसके बाद जानकारी दी गई तो वह अन्य परिजनों के साथ मौके पर पहुंचा। वहां देखा कि पिता का सिर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका था। जानकारी पर एयरपोर्ट थाना पुलिस पहुंच गई। पुलिस की सारी कोशिशें बेकार गईं
पुलिस ने शव मर्चरी भेजवाना चाहा तो घरवालों ने विरोध कर दिया। उनका कहना था कि मामले में एफआईआर दर्ज हो, परिजनों को पांच लाख मुआवजा दिया जाए तब ही शव उठने दिया जाएगा। पुलिस मान-मनौव्वल में जुटी रही लेकिन परिजन मानने को तैयार नहीं हुए। नौ घंटे तक शव नहीं उठने दिया गया। इस दौरान पुलिस की सारी कोशिशें बेकार रहीं। आर्थिक मदद के बाद माने
बाद में भट्ठा मालिक आया और आर्थिक मदद दी। इसके साथ ही पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने मांगों के संबंध में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर परिजन शांत हुए और फिर शाम चार बजे के करीब शव मर्चरी भेजा गया। इस मामले में एसीपी धूमनगंज अजयेंद्र यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह छुट्टी पर हैं। उधर एयरपोर्ट थानाध्यक्ष ने सीयूजी पर फोन नहीं रिसीव किया।
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