भागलपुर| पीरपैंती प्रखंड में प्रस्तावित अडानी पावर प्लांट (विद्युत ताप गृह) के निर्माण को लेकर अधिग्रहित भूमि पर इन दिनों तेज़ी से पेड़ कटाई का कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य शुरू होने से पूर्व बड़ी संख्या में हो रही पेड़ों की कटाई को लेकर पर्यावरणविदों और स्थानीय लोगों में चिंता देखी जा रही है। लोगों का कहना है कि बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई से क्षेत्र के पर्यावरण, तापमान और जैव विविधता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। मामले पर जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहा है कि विकास योजनाओं के तहत यदि पेड़ों की कटाई अपरिहार्य होती है, तो उसके बदले नियमानुसार तीन गुना अधिक पेड़ लगाए जाने का प्रावधान है। उन्होंने साफ किया कि पीरपैंती में जितने भी पेड़ काटे जाएंगे, उससे तीन गुना अधिक पेड़ लगाए जाएंगे और उनके संरक्षण व रख-रखाव की भी पूरी व्यवस्था की जाएगी। डीएम बोले- जिला प्रशासन विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाने के लिए प्रतिबद्ध जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। पौधारोपण केवल औपचारिकता नहीं होगी, बल्कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लगाए गए पौधे जीवित रहें और उनका नियमित देखभाल हो। इसके लिए संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहा कि पावर प्लांट जैसे बड़े औद्योगिक प्रोजेक्ट क्षेत्र के विकास, रोजगार सृजन और बिजली आपूर्ति को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन इसके साथ-साथ पर्यावरण को सुरक्षित रखना भी प्रशासन की प्राथमिकता है। इसी कारण पर्यावरणीय नियमों और शर्तों का पूरी तरह पालन कराया जा रहा है।
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