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मुजफ्फरनगर में हिंदू संगठनों का प्रदर्शन:बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में पुतला दहन, नारेबाजी की

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में सकल हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में प्रदर्शन किया। विभिन्न हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने शहर में जुलूस निकाला और बांग्लादेश सरकार तथा कट्टरपंथी ताकतों का पुतला दहन किया। यह प्रदर्शन बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा, हत्याओं, मंदिरों पर हमलों और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं के विरोध में आयोजित किया गया था। प्रदर्शन शहर के तुलसी पार्क शिव चौक से शुरू हुआ। इसमें बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, हिंदू संघर्ष समिति और हिंदू सुरक्षा सेवा संघ सहित कई संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए। कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जुलूस झांसी रानी चौक तक निकाला गया, जहां बांग्लादेश सरकार का प्रतीकात्मक पुतला जलाया गया। प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से मांग की कि वह इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाए। उन्होंने बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की अपील की। प्रदर्शन में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के ओमवीर चौहान, हिंदू संघर्ष समिति के संयोजक नरेंद्र पवार, सोहनवीर, पीयूष, मनोज सैनी, लोकेश सैनी, मनोज पाटिल, देशराज चौहान, धर्मेंद्र मिश्रा, वैभव यादव, बंटी चौधरी, पवन पांचाल, विक्की चावला सहित अनेक हिंदू कार्यकर्ता मौजूद रहे। हिंदू सुरक्षा सेवा संघ ने अलग से झांसी रानी चौक पर पुतला दहन आयोजित किया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत राजू दास ने जिलाधिकारी को संबोधित एक ज्ञापन में कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय लूट, डकैती, आगजनी और महिलाओं के साथ बलात्कार जैसी घटनाओं का शिकार हो रहा है। हालिया घटना में एक हिंदू युवक को चौराहे पर पीट-पीटकर जिंदा जला दिया गया, जो पूरे विश्व के हिंदुओं के लिए चुनौती है। ज्ञापन में आगे कहा गया कि विश्व में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की बात करने वाले देश बांग्लादेश में हो रही इन घटनाओं पर चुप हैं। भारत को विश्व मंच पर हिंदुओं की आवाज बनकर इस मुद्दे को उठाना चाहिए, क्योंकि भारत सनातन धर्म को संरक्षित और सुरक्षित करने का पक्षधर रहा है। संगठन ने राष्ट्रपति से मांग की कि बांग्लादेश के हिंदुओं पर अत्याचार को विश्व स्तर पर उजागर कर कठोर कार्रवाई के लिए प्रयास किए जाएं। बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचारों की घटनाएं पिछले कुछ वर्षों से बढ़ रही हैं। 2024 में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले तेज हो गए। विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार, अगस्त 2024 से अब तक सैकड़ों घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें मंदिरों की तोड़फोड़, घरों में आगजनी और हत्याएं शामिल हैं। हालिया मामला दिसंबर 2025 का है, जहां मेमनसिंह जिले में दीपू चंद्र दास नामक एक हिंदू युवक को कथित ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला और शव को जला दिया। इस घटना ने भारत सहित विश्व भर में हिंदू समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। भारत में कई शहरों जैसे दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद और अन्य स्थानों पर भी इसी मुद्दे पर प्रदर्शन हो रहे हैं। हिंदू संगठनों का कहना है कि बांग्लादेश में हिंदू अब असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर ध्यान देना चाहिए। मुजफ्फरनगर का यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन कार्यकर्ताओं का संकल्प स्पष्ट था।


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