सिद्धार्थनगर में जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन ने जनसुनवाई के दौरान कड़ाके की ठंड में शिकायत लेकर पहुंचे एक दिव्यांग व्यक्ति को उन्होंने स्वयं कंबल प्रदान किया। जिससे न केवल उस व्यक्ति को राहत मिली, बल्कि प्रशासन की संवेदनशील छवि भी सामने आई। कंबल देने के बाद जिलाधिकारी यहीं नहीं रुके। उन्होंने मौके पर मौजूद संबंधित अधिकारी को दिव्यांग की शिकायत का त्वरित, गुणवत्तापूर्ण और प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण सुनिश्चित करने के स्पष्ट निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि शासन की योजनाओं का उद्देश्य अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक राहत पहुंचाना है, न कि उसे कार्यालयों के चक्कर कटवाना। भीषण ठंड को देखते हुए जिलाधिकारी ने जनपद के सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे निःशुल्क रैन बसेरों का नियमित निरीक्षण करें। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि रैन बसेरों में ठहरने वाले गरीब, बेसहारा और असहाय लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और पर्याप्त संख्या में कंबलों का वितरण किया जाए। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने ठंड से बचाव के लिए जनपद के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों, चौराहों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अलाव की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जनसुनवाई के दौरान जिलाधिकारी का यह संवेदनशील और सक्रिय रवैया न केवल एक दिव्यांग व्यक्ति के लिए राहत का कारण बना, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जनपद प्रशासन सेवा, करुणा और जवाबदेही को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। ठंड के इस कठिन दौर में डीएम शिवशरणप्पा जीएन की सक्रियता जनता में भरोसे और विश्वास का संदेश दे रही है।
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