सहारनपुर के शेखपुरा गांव में बुधवार दोपहर उस समय मातम पसर गया, जब हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित एक होटल में दम घुटने से जान गंवाने वाले पांच लोगों में से चार के शव गांव पहुंचे। ठेकेदार नूर, उसके भाई सोनू, रोशन और मदनपाल के शव गांव में दाखिल होते ही कोहराम मच गया। शवों की एक झलक पाने के लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। हजारों लोग गांव के अंडरपास के बाहर कतार में खड़े होकर शवों के पहुंचने का इंतजार करते रहे। जैसे ही शव पहुंचे, महिलाओं की चीख-पुकार से पूरा गांव गमगीन हो गया। नूर और सोनू की मां अपने जवान बेटों की मौत से बेसुध हो गईं। वह बार-बार अपने बेटों को पुकारते हुए बिलखती रहीं। यह दृश्य देखकर मौके पर मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं। वहीं रोशन और मदनपाल के परिवारों का भी रो-रोकर बुरा हाल रहा। इस हादसे के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। बताया गया कि ठेकेदार नूर तीन दिन पहले सभी मजदूरों को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक होटल में रंग-पुताई के काम के लिए लेकर गया था। काम के दौरान कमरे में अंगीठी जलाई गई, लेकिन गैस बाहर न निकल पाने के कारण दम घुटने से चारों की मौत हो गई। इस हादसे में पांचवां मृतक रामकुमार कश्यप था, जो रोशन का साला था। उसका शव सहारनपुर के काजीपुरा क्षेत्र में पहुंचा। गौरतलब है कि बीते तीन दिनों में शेखपुरा गांव में कुल सात मौतें हो चुकी हैं। दो दिन पहले भी गांव में जीजा-साले की मालगाड़ी से कटकर मौत हो गई थी, जिससे ग्रामीण पहले से ही सदमे में थे। लगातार हो रही मौतों के कारण पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। रोशन और मदनपाल का अंतिम संस्कार दोपहर करीब तीन बजे शेखपुरा चौकी के पास स्थित श्मशान घाट में किया गया, जबकि नूर और सोनू को देर शाम मगरिब की नमाज के बाद सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। सभी मृतक अपने-अपने परिवारों के इकलौते कमाने वाले थे, जिससे उनके परिवारों के सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। एसडीएम सदर सुबोध कुमार और एएसपी मनोज यादव गांव पहुंचे और शोकाकुल परिवारों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया। अधिकारियों ने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
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