जहानाबाद जिले के सदर प्रखंड की सभी पंचायतें करीब पांच साल पहले खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित की गई थीं। इसके तहत व्यक्तिगत शौचालयों के साथ-साथ पंचायत स्तर पर सामुदायिक शौचालयों का भी निर्माण कराया गया। लेकिन उद्घाटन के कुछ ही महीनों बाद ये शौचालय पानी और देखरेख की कमी के कारण अनुपयोगी हो गए हैं, जिससे ग्रामीण अब भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं। सामुदायिक शौचालयों की जर्जर हालत ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण के बाद न तो शौचालयों की नियमित देखरेख की गई और न ही पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की गई। कई शौचालय जर्जर हो गए हैं, उनके गेट और सीटें टूटी हैं, जबकि कुछ में कचरा भरा हुआ है। कुछ शौचालयों का उपयोग फसल सुखाने या कचरा फेंकने के लिए किया जा रहा है। गोनवां पंचायत मुख्यालय के वार्ड-8 और आसपास के अन्य गांवों में बने सामुदायिक शौचालयों की स्थिति विशेष रूप से खराब है। प्रशासन ने ठीक होने का भरोसा दिया
ग्रामीण मोहित यादव, गौतम कुमार, विकास कुमार और विनोद कुमार ने बताया कि पानी की व्यवस्था बंद होने के कारण इन शौचालयों का उपयोग असंभव हो गया है। एक सामुदायिक शौचालय पर लगभग दो से ढाई लाख रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन देखरेख न होने के कारण ये अब बेकार साबित हो रहे हैं। खुले में शौच के कारण आसपास के सड़कों और खेतों में राहगीरों और मॉर्निंग वॉक करने वालों को भी परेशानी होती है। ग्रामीणों ने प्रशासन से पानी की नियमित आपूर्ति, सफाई और स्थायी देखरेख सुनिश्चित करने की मांग की है। इस पर प्रखंड विकास पदाधिकारी अनिल मिस्त्री ने कहा कि उन्हें समस्या की जानकारी मिली है और जल्द ही आवश्यक कदम उठाकर स्थिति में सुधार किया जाएगा।
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