DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

‘अवध नगरिया से अइले वर दूल्हा, चली- चली रे सखियां’:राम की पैड़ी सम्मेलन में कई जिलों के कवि शामिल हुए, भजन गूंजते रहे

महात्मा बनारस साहित्य सभा के तत्वाधान में अयोध्या स्थित राम की पैड़ी पर एक विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें अयोध्या के अलावा गोंडा, गोरखपुर,देवरिया, चित्रकूट,प्रतापगढ़, बाराबंकी, संत कबीर नगर तथा हमीरपुर से पधारे कवियों ने रचनापाठ करके माहौल को भक्ति और साहित्य के रस से सराबोर कर दिया। सम्मेलन की अध्यक्षता शिवाकांत मिश्रा विद्रोही ने और संचालन रघुनाथ पांडेय व सौदागर सिंह ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए देवरिया से पधारी कवयित्री पार्वती देवी गौरा ने समा बांधी- “अवध नगरिया से अइले वर दूल्हा, चली चली रे सखिया।” गोण्डा से पधारी नीता सिह नवल ने नारीशक्ति पर कविता सुनाकर रस की वर्षा की। “आकलन कर नही सकते कभी नारी की शक्ति का, त्रिदेवों को भी नारी ने अपने आंचल में पाला है।”
प्रतापगढ से आये जगनारायण मिश्र ने सुनाया- “लाख जतन कर जोग जनमभर पावत नाहीं राम अनुरागा।” डॉ रघुनाथ पाण्डेय (गोण्डा) ने समय के उलझे परिदृश्य का चित्र यों उकेरा-“क्या गीत लिखूं उल्लासमयी, जब नयन घुसी निठुराई हो!” छोड़ बाबुल का आंगन पराई हुई, राम जाने यह कैसी विदाई हुई
कवयित्री सरिता सिंह ने पढ़ा -“बनादास कहे सुन रे बंदे, छुपा है सच पैगाम में, वही राम है, वही है ईश्वर, भेद नहीं है नाम में।
कवयित्री क्षमा श्रीवास्तव ने सुनाया – “छोड़ बाबुल का आंगन पराई हुई, राम जाने यह कैसी विदाई हुई!” रंजीता श्रीवास्तव ने मां को अर्पित अपनी कविता सुनाई- “ मां एक बार फिर से अपने आंचल में छुपा लो ना! परियों की कहानी फिर से एक बार सुना दो ना”। विकास तिवारी ‘विक्की’ ने महात्मा बनादास जी के जीवन पर अपनी कविता सुनाई- “सन 1821 में लीन्ह मनुज अवतार, उद्धार हमारा करने आए बनादास सरकार। चित्रकूट से पधारे कवि दिनेश दीक्षित ‘संघर्षी’ ने सुनाया- “यदि दशरथ वचन न देते तो पूरा महल वीरान न बनता,
यदि प्रभु निवास नहीं करते तो कामदगिरि धाम न बनता।” इसके अलावा रमेश सिंह दीपक, कौशल किशोर मणि, मनोज तिवारी मंगल, नीता सिंह नवल, (गोंडा), किरन सिंह (गोंडा), शिवाकांत मिश्रा विद्रोही (गोंडा), जगनारायण मिश्र (प्रतापगढ़), राजा बाबू विंध्यमणि त्रिपाठी, सौदागर सिंह (देवरिया) ने अपनी रचनाएं महात्मा बनादास को अर्पित करते हुए सुनाई और महफिल लूट ली। कार्यक्रम का आयोजन महात्मा बना दास साहित्य सभा के महन्त अंकित दास ने किया था।


https://ift.tt/y5HbPB2

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *