कानपुर में कोहरे और ट्रेनों का असर लगातार रेलवे के संचालन पर देखने को मिल रहा है। ट्रेनें लगातार देरी से कानपुर पहुंच रही हैं और यात्रियों को भीषण ठंड में परेशान होना पड़ रहा है। मंगलवार देर रात को आम यात्रियों के साथ परीक्षार्थी भी परेशान होते नजर आए। रेलवे की ग्रुप-डी बुधवार को होनी है। कानपुर के परीक्षार्थियों के लिए आगरा और आसपास के जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा में शामिल होने के लिए परीक्षार्थी जब मंगलवार देर शाम को रेलवे स्टेशन पहुंचे तो ज्यादातर ट्रेनें 4-5 घंटे देरी से चल रही थी। ऐसे में देर रात तक परीक्षार्थियों को परेशान होना पड़ा और वह प्लेटफार्म पर ही ट्रेनों का इंतजार करते रहे। वंदे भारत, राजधानी समेत 47 ट्रेनें लेट
घने कोहरे के कारण वंदेभारत, राजधानी, अमृत भारत समेत 47 एक्सप्रेस ट्रेनें कई घंटे देरी से कानपुर सेंट्रल पहुंची। वाराणसी से आगरा कैंट जाने वाली वंदे भारत (20175) मंगलवार को 3.03 घंटे देरी से देर रात कानपुर पहुंची। अयोध्या कैंट से आनंद विहार जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस (22425) 3.16 घंटे, वाराणसी जंक्शन से नई दिल्ली जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस (22435) 3.34 घंटे देरी से कानपुर सेंट्रल आई। वहीं हावड़ा राजधानी (12302) 6 घंटे 54 मिनट, सियालदाह राजधानी (12314) 7 घंटा 34 मिनट देरी से पहुंची। नई दिल्ली से राजेंद्र नगर पटना जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस (12310) 2.34 घंटे देरी से सेंट्रल पहुंची। इनके साथ पश्चिम बंगाल और बिहार से दिल्ली जाने वाली और दिल्ली से पश्चिम बिहार की ओर जाने वाली दो दर्जन से ज्यादा ट्रेनें मंगलवार को देरी से पहुंची। 2 परीक्षार्थियों से ने क्या कहा, पढ़िए- सर्दी में प्लेटफार्म पर ठिठुरते रहे यात्री ट्रेनों की लेट लतीफी के कारण यात्रियों को घंटों तक प्लेटफार्म पर इंतजार करना पड़ा। समृद्ध लोग एक्जीक्यूटिव लांज और वेटिंग रूम में शुल्क जमा करके अपनी ट्रेनों का इंतजार करते रहे। वहीं सामान्य यात्री प्लेटफार्म पर ही ट्रेन के इंतजार में ठिठुरते नजर आए। उन्हें घंटों तक शीतलहर और ठंड का सामना करना पड़ा। ————————- ये खबर भी पढ़िए- ‘मेरा बच्चा मर नहीं सकता, CM बहू-बेटियों की रक्षा करें’: मथुरा में हुए हादसे से लापता युवक का मिला कंकाल, मां बोली- कोहरे ने परिवार उजाड़ दिया मेरे घर में पहली बार ऐसा कांड हुआ है, मेरा बच्चा सही सलामत घर से गया था, अब उसकी हडि्डयां घर आ रही है… हम तो उसका अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाएंगे। मेरे बच्चे के साथ ऐसा नहीं हो सकता है। भगवान से बहुत दुआ मांगी, मेरा कोई भगवान हीं है… मेरा बेटा मेरा सहारा था, उसका छोटा सा परिवार था, जो कोहरे ने उजाड़ दिया। पढ़ें पूरी खबर…
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