देवरिया जिले में पिछले एक सप्ताह से घना कोहरा और शीतलहर जारी है। बुधवार सुबह भी पूरा जिला कोहरे की चादर में लिपटा रहा, जिससे दृश्यता घटकर मात्र 5 मीटर रह गई। इस दोहरे मौसम के प्रहार से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार को जिले का न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि, ठंडी हवाओं और नमी के कारण ठंड का असर अधिक महसूस किया जा रहा है। सुबह के समय सड़कों पर घना कोहरा छाए रहने से वाहन चालकों को काफी परेशानी हुई। सामने चल रहे वाहन भी मुश्किल से दिखाई दे रहे थे, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रही। राष्ट्रीय राजमार्गों और शहर की मुख्य सड़कों पर वाहन धीमी गति से रेंगते हुए चले। अधिकतर चालकों को फॉग लाइट, डिपर और इंडिकेटर का उपयोग कर सावधानी से यात्रा करनी पड़ी। स्कूल जाने वाले बच्चों, दफ्तर कर्मचारियों और बाजार जाने वाले लोगों को भी सुबह भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस कड़ाके की ठंड का सबसे अधिक असर दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा चालकों और बेसहारा लोगों पर पड़ रहा है। ठंड से बचने के लिए ये लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं। कई मजदूर देर रात तक दुकानें बंद होने का इंतजार करते हैं और फिर उन्हीं दुकानों के सामने फुटपाथ पर सो जाते हैं। उनके पास ठंड से बचाव के लिए पर्याप्त कपड़े या रजाई-कंबल जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। शहर के कई सार्वजनिक स्थानों, चौराहों और बस स्टैंड के आसपास अलाव न जलने से लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि नगर प्रशासन द्वारा ठंड से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं। यदि समय रहते अलाव, रैन बसेरे और कंबल वितरण की व्यवस्था नहीं की गई, तो गरीब और जरूरतमंदों की परेशानी और बढ़ सकती है।
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