मऊ जिले में 11 साल पुराने एक मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 4 दीप नारायण तिवारी ने दो आरोपियों को 15 वर्षीय बालिका को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी पाया है। मंगलवार को सुनाए गए फैसले में बृजेश और अंजनी कुमार मिश्रा को 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने दोनों दोषियों पर 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यदि वे यह अर्थदंड जमा नहीं करते हैं, तो उन्हें दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि अर्थदंड जमा होने पर उसकी 20 प्रतिशत धनराशि वादी मुकदमा को दी जाएगी। यह मामला मऊ जिले के थाना मधुबन क्षेत्र का है। हैबतपुर ताल खदरा निवासी सूर्यभान यादव की तहरीर पर यह मुकदमा दर्ज किया गया था। यह न्यायिक कार्यवाही ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ अभियान के तहत मॉनिटरिंग सेल की प्रभावी पैरवी के बाद पूरी हुई। पुलिस अधीक्षक मऊ इलामारन जी के निर्देशन में मॉनिटरिंग सेल ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। न्यायालय ए.एस.जे.4 कोर्ट, जनपद मऊ द्वारा 23 दिसंबर को बृजेश पुत्र रामनगीना (निवासी हैबतपुर, थाना मधुबन, जनपद मऊ) और अंजनी कुमार मिश्रा पुत्र नंदकुमार मिश्रा (निवासी कांठतराव, थाना रामपुर, जनपद मऊ) को दोषी ठहराया गया। इस सजा को सुनिश्चित कराने में अभियोजन अधिकारी नंदलाल भारती, प्रभारी मॉनिटरिंग सेल निरीक्षक आर.आर. यादव और न्यायालय पैरोकार कांस्टेबल शरवन का सराहनीय योगदान रहा।
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